संघ का अनुशासन सभी के लिए प्रेरणा स्रोत – लक्ष्यराज सिंह
उदयपुर, 26 सितम्बर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का संचलन सामाजिक एकता के साथ समाज में शक्ति के संचार का माध्यम है।
यह बात संघ के विभाग प्रचारक आनंद प्रताप सिंह ने रविवार को यहां शहर के समीप कानपुर में पथ संचलन के पश्चात स्वयंसेवकों और उपस्थित समाज जनों को सम्बोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि संघ की स्थापना 1925 में हिन्दू समाज के प्रत्येक घटक को संगठित करने के उद्देश्य से हुई। पथ संचलन में शामिल स्वयंसेवक सामाजिक समरसता का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। संघ में सभी स्वयंसेवक हैं और संघ का उद्देश्य व्यक्ति व्यक्ति में राष्ट्र चेतना जगाना है।
कार्यक्रम में मेवाड़ राजघराने के लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि संघ का अनुशासन सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। संघ की कार्यपद्धति सभी को संस्कारित और अनुशासित बनाती है। संघ का स्वयंसेवक समाज में उसके व्यवहार से संघ को परिलक्षित करता है।
इससे पूर्व, कानपुर में गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने घोष की थाप के साथ कदम से कदम मिलाए। ग्यारिया श्याम बावजी मंदिर प्रांगण से शुरू हुए संचलन में एक ध्वज वाहिनी सहित 2 घोष वाहिनी तथा 14 दंड वाहिनी शामिल थीं। मार्ग में समाजजनों द्वारा पुष्पवर्षा व देशभक्ति से ओतप्रोत उद्गोशों से संचलन का स्वागत किया गया। संचलन के बाद हुए कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मातृशक्ति भी उपस्थित थीं।