जयपुर, 28 अक्टूबर। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि राज्य के भीलवाड़ा, राजसमन्द, जोधपुर और झुन्झुनू जिलों में मेजर मिनरल लाईम स्टोन और आयरन ओर (लोह अयस्क) के भण्डारों की खोज, गुणवत्ता और अनुमानित भण्डारों की उपलब्धता के अध्ययन के लिए 12 हजार 300 मीटर ड्रिलिंग कार्य करवाने का निर्णय किया गया है। इनमेंं से 9300 मीटर ड्रिलिंग का कार्य शुरु भी कर दिया गया है। वहीं करीब 3 हजार 500 मीटर ड्रिलिंग कार्य हो भी चुका है। उन्होंने बताया कि आरएसएमईटी के गठन के बाद खनिज खोज और अन्वेषण कार्य के लिए आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध होने से राज्य में खनिज खोज कार्य को नई गति मिलने लगी है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम और पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि मेजर मिनरल के भण्डारों की खोज के इस ड्रिलिंग कार्य पर करीब 6 करोड़ 50 लाख रुपए का व्यय किए जाएंगे। यह कार्य विशेषज्ञ संस्थाओं से करवाया जा रहा है ताकि कार्य की गुणवत्ता व समयवद्धता सुनिश्चित की जा सके। इस पर होने वाली राशि का वहन राजस्थान राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट आरएसएमईटी द्वारा किया जाएगा।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि खनिज लाईमस्टोन के नए भण्डारों की उपलब्धता व गुणवत्ता की खोज के लिए मांडलगढ़ जिला भीलवाड़ा के निकट ग्राम अमरतिया, लाड़पुरा, श्यामगढ़ तहसील में कुल 3100 मीटर ड्रिलिंग के लिए अधिकतम 100 मीटर गहराई के 31 बोर होल्स, राजसमन्द की भीम तहसील के हातुन ग्राम में कुल 1500 मीटर ड्रिलिंग के लिए अधिकतम 50 मीटर गहराई के 30 बोर होल्स, जोधपुर जिले के बिलाड़ा तहसील के बिलाड़ा के पास कुल 1000 मीटर ड्रिलिंग के लिए अधिकतम 50 मीटर गहराई के 20 बोर होल्स का कार्य शुरु कर दिया गया है।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि खनिज आयरन ओर (लोह अयस्क) के नए भण्डारों की खोज, उपलब्धता और गुणवत्ता के लिए भीलवाड़ा और झुन्झुनू जिले में ड्रिलिंग कार्य आरंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि झुन्झुनू जिले की उदयपुर वाटी के पास पचलंगी-पापड़ा में आयरन ओर के भण्डार की खोज के लिए कुल 200 मीटर ड्रिलिंग करवाया जा रहा है। इसमें 50 मीटर गहराई के 04 बोर होल्स ड्रिलिंग होगी। इसी तरह से खनिज आयरन ओर की ही भीलवाड़ा की कोटडी तहसील के चांदगढ़ में कुल 3500 मीटर ड्रिलिंग कार्य आरंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि यहां अधिकतम 100 मीटर गहराई के 35 बोर होल्स की ड्रिलिंग की जाएगी।
आरएसएमईटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री एनपी सिंह ने बताया कि खनिज खोज कार्य को गति देने के लिए मेजर और माइनर मिनरल के नए क्षेत्र चिन्हित किए जा रहे हैं जहां ड्रिलिंग कार्य आरंभ करवा कर खोज कार्य को और अधिक गति दी जा सकें।