उदयपुर 06 जून। विरासत में मिले पर्यावरण, प्रकृति और पृथ्वी को नष्ट होने से बचाने के लिए हमारी दैनिक जीवन चर्या को बदलकर हमें सनातन परम्परा की ओर लौटना होगा। प्रकृति और हमारा शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है जिसमें अग्नि, जल, पृथ्वी, वायु, आकाश का संतुलन बनाये रखना जरूरी है इसमें से एक के भी असंतुलन से सभ्यता का संतुलन गड़बड़ा सकता है।
उक्त विचार जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने भारत विकास परिषद् ‘‘आजाद’’ के रोटरी बजाज भवन में आयोजित रजत जयंती कार्यक्रम के तहत ‘पर्यावरण बचाने में हमारी भूमिका’ के मुख्य वक्ता विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत ने व्यक्त किये।
प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि झील, पहाड़ियांे का सरंक्षण करना हमारी अनिवार्य जिम्मेदारी है तथा ‘‘ओनली वन अथ’’ थीम के आधार पर हमें ‘‘सिंगल यूज प्लास्टि’’ का सर्वथा त्याग करना होगा। पेड़ांे व पहाड़ों की अंधाधुंध कटाई से ग्लोबल वार्मिंग के रुप मे पृथ्वी व मानव जीवन पर कोरोना महामारी जैसी गम्भीर समस्या के रूप में सामने आ रही है। बच्चों में प्रारंभिक शिक्षा से ही पर्यावरण संरक्षण के संस्कारों का बीजारोपण करना होगा।
प्रारम्भ में भविप ‘आजाद’ के सरंक्षक दीपक शर्मा ने अतिथियों का स्वागतर करते हुए कार्यक्रम की जानकारी दी। मुख्य अतिथि कलपति सारंगदवोत ने भारत विकास परिषद द्वारा सेवा कार्यक्रमों के साथ ही पर्यावरण, प्रकृति, और पृथ्वी को बचाने मे ऐसे जागरुकता कार्यक्रम की सराहना कर उपस्थित सदस्यों को पर्यावरण सरंक्षण हेतु संकल्प दिलाया।
परिषद के सचिव ओमप्रकाश खण्डेलवाल ने बताया कि पर्यावरण पर आधारित कार्यक्रम में परिषद सदस्यों व अतिथियों द्वारा भावी पीढीयों को स्वस्थ्य पर्यावरण देने पर मंथन कर उपयोगी सुझाव दिए गए। संचालन परिषद के नगर अध्यक्ष प्रदीप रावानी ने किया जबकि विशिष्ट अतिथि नगर निगम उदयपुर के पूर्व मेयर चन्द्रसिंह कोठारी, प्रमोद सामर, परिषद जिला समन्वयक नाहर सिंह पडियार, जिला परिषद सदस्य डा. पुष्पा शर्मा, डा. राजश्री गांधी, दिलीप सिंह राठौड़, दीपक शर्मा, मयंक कोठारी, डा. राजकुमारी भार्गव, आशा मेहता, डा. हितेष पटेल, मंजु खाण्डिया, राधिका सिंह, भगवान वैष्णव, आदि ने भी विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता आजाद शाखा अध्यक्ष अनुराधा दुबे ने की, जबकि आभार सचिव ओम प्रकाश खण्डेलवाल ने जताया।