उदयपुर 23 जुलाई / भारतीय स्वतंत्रता सग्राम के सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की 166 जयंति पर शनिवार को राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्रांगण में स्थापित तिलक की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि तिलक एक शिक्षक, अधिवक्ता, दार्शनिक, लेखक, चिंतक, सुधारक के साथ साथ एक सफल स्वतंत्रता सेनानी थे। तिलक ने समाज में व्याप्त बुराईयों को समाप्त करने का कार्य किया। आज पूरा देश आजादी के 75वें वर्ष में अमृत महोत्सव मना रहा है। तिलक ने देश में आजादी की अलख जगाई। अपना पूरा जीवन देश की आजादी के लिए समर्पित कर दिया। अंग्रेजों केा भारत से भगाने के लिए नारा दिया था, स्वतंत्रता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं उसे लेकर रहूंगा। इस नारे ने सम्पूर्ण भारत में नई चेतना का संचार कर दिया। देश की आजादी के लिए आमजन को एक करने के उद्देश्य से उन्होनें गणेश पूजा व शिवाजी महाराज के दिवसो को सात दिवसीय उत्सव के रूप में मनाना शुरू किया। तिलक को आधुनिक भारत का जनक भी कहा जाता है। उनका मानना था कि आधुनिक भारत के निर्माण के साथ हम अपने परम्परागत भारतीय मूल्यों, सभ्यता, संस्कृति, सनातन मूल्यों को न भूले। उन्होने आजादी के पूर्व स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने, अपने देश की स्वयं की शिक्षा नीति को लागू करने का पूरा प्रयास किया।
प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य प्रो. सरोज गर्ग ने कहा कि संस्थापक जनुभाई ने बीएड महाविद्यालय का नाम देश के सेनापति तिलक के नाम रखा, उनका मानना था कि हम ऐसे लोकमान्य शिक्षक तैयार करे जो सभी को मान्य हो और वे समाज के वंचित वर्ग तक शिक्षा की अलख पहुंचाये।
इस अवसर पर कमांडिंग आफिसर इन्द्रजीत सिंह घोषाल, स्काउड एंड गाईड के प्रेमशंकर श्रीमाली, श्याम सुंदर पुरोहित, डॉ. बलिदान जैन, डॉ. रचना राठौड, डॉ. अमित दवे, डॉ. गुणबाला आमेटा, डॉ. अमित बाहेती, डॉ. पल्लव पाण्डेय, डॉ. रोहित कुमावत, डॉ. हरीश चौबीसा, डॉ. शीतल, डॉ. रेणु हिगंड, महेन्द्र वर्मा, निजी सचिव कृष्णकांत कुमावत सहित कार्यकर्ताओं ने तिलक की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हे नमन किया।