डायबिटीज सहित अन्य कई गंभीर बीमारियों को समय पर जांच-दवा और अनुशासन-हौसले के फॉर्मूले से हरा सकते हैं : लक्ष्यराज सिंह मेवाड़  

डायबिटीज के प्रति जागरुकता की अलख पूरे आदिवासी अंचल में जगाएंगे : सीएमएचओ डॉ. बामणिया 

उदयपुर. द डायबेस्टीज फाउंडेशन की निशुल्क सेमिनार “उदयपुर डायमीट’ रविवार को गार्डन होटल में मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ की अध्यक्षता में हुई। इसमें लक्ष्यराज सिंह ने कहा कि टाइप-1 डायबिटीज नहीं, बल्कि अन्य कई गंभीर बीमारियों को समय पर जांच-दवा, अनुशासन-हौसले से हरा सकते हैं। टाइप-1 डायबिटीज ग्रस्त मरीज भी समय पर जांंच-दवा और अनुशासन-हौसले के सूत्र से  बचपन से लेकर बुढ़ापे तक सामान्य लोगों की तरह जीवन जी सकते हैं। अगर इंसान चुनौतियों की तरह बीमारियों से शुरू से ही लड़ने के लिए तैयार रहे तो बीमारी हावी नहीं हो पाती है। उन्होंने कहा कि टाइप-1 सहित अन्य सभी तरह की डायबिटीज के प्रति जागरुकता का अलख जगाने के लिए द डायबेस्टीज फाउंडेशन ने उदयपुर में अभिनव पहल कर इंसानियत की मिसाल पेश की है। इस दौरान सीएमएचओ डॉ. एसएल बामणिया ने कहा कि इस पहल को उदयपुर के आदिवासी अंचल तक फैलाएंगे। इस दौरान राजस्थान सिंधी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष हरीश राजानी, समाज सेवी श्रीरत्न मोहता आदि मौजूद थे। 

-टाइप-1 डायबिटीज ग्रस्त बच्चों की जांच कराकर अभिभावकों को भी जागरूक करने की जरूरत : एंडोकाइनोलोजिस्ट डॉक्टर्स  

इंडोकाइनोलॉजिस्ट डॉ. संदीप कंसारा ने कहा कि टाइप-1 डायबिटीज ग्रसित मरीज निराश नहीं हों। समय पर शुगर चेक करानी और इंसुलिन लेना है। यह दो काम करते रहने से मरीजों को कोई परेशानी नहीं होगी और वे तरह की एक्टिविटी कर सकते हैं। एमबी अस्पताल के पूर्व अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. रमेश जोशी ने कहा कि सबसे बड़ी ताकत ज्ञान है इसलिए हर चिकित्सक का कर्तव्य बनता है कि वह मरीज को पूरी जानकारी दें। एंडोकाइनोलोजिस्ट डॉ. डीसी शर्मा ने कहा कि अनुशासित रहते हुए शुगर को लक्षित रखकर एक सामान्य जीवन जिया जा सकता है। इंसुलिन लगातार लें। डॉ.जगदीश विश्नोई ने बताया कि बीमारी के प्रति जागरूक होना आवश्यक है। जो स्कूली बच्चे टाइप-1 डायबिटीज से गुजर रहे हैं उनकी जांच कराकर उन्हें और उनके अभिभावकों को जागरूक करने की जरूरत है।

-आर्थिक रूप से कमजोर टाइप-1 डायबिटीज मरीजों को इंसुलिन, इंजेक्शन आदि निशुल्क उपलब्ध कराएंगे  

मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार की सदस्य पद्मजा कुमारी मेवाड़ ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य टाइप-1 डायबिटीज सहित अन्य डायबिटीज ग्रस्त गंभीर मरीजों और परिजनों को जागरूक करना और जरूरतमंद मरीजों की मदद करना है। टाइप-1 डायबिटीज की समाज में व्याप्त भ्रांति को दूर करना है। टाइप 1 डायबिटीज ग्रसित मरीज हर तरह की एक्टिविटी कर सकते हैं। फाउंडेशन की जैज सेठी ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर टाइप-1 डायबिटीज मरीजों की फाउंडेशन आर्थिक मदद करेगा। इंसुलिन, इंजेक्शन आदि निशुल्क उपलब्ध कराएगा। इस अवसर पर डायबेस्टीज फाउंडेशन के सदस्यों ने सेमिनार में आए बच्चों को खेल-खेल में टाइप-1 डायबिटीज के प्रति जागरुक कर तनाव मुक्त रहने का पाठ पढ़ाया।

By Udaipurviews

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