आपाधापी भरे यांत्रिक युग में आनन्द, उल्लास ओर सुकून देती है सर्जनात्मक कलाएं
उदयपुर, 14 नवंबर। आज जिस तीव्रगामी जीवनशैली का हिस्सा हमें अनचाहे होना पड़ रहा है उसमें शांति एवं प्रसन्नता सर्जना द्वारा ही संभव है। खासतौर से नई पीढ़ी को अपने भीतर के रचनात्मक कौशल को पहचानने और सर्जनात्मक रूप से अभिव्यक्त करने की आवश्यकता है।
यह विचार विद्या भवन सीनियर सैकण्डरी स्कूल द्वारा बाल दिवस 2022 के उपलक्ष में आयोजित एक दिवसीय चित्रकला प्रदर्शनी एवं कार्यशाला के अवसर पर विशिष्ट अतिथि डॉ. श्रीनिवासन अय्यर ने व्यक्त किए।
कार्यक्रम के शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि संस्थापक अजय एस मेहता ने भी प्रतिभागी बालकों को संबोधित किया व भारतीय संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में युवाओं को अपनी भूमिका निभाने का आह्वान किया। कार्यक्रम दौरान प्रदर्शनी संयोजिका कलाकार एवं शिक्षक नीलोफर मुनीर ने प्रदर्शनी की विषयवस्तु व विद्यार्थियों की कलासर्जनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य पुष्पराज सिंह, सीईओ अनुराग प्रियदर्शी भी अपने विचार व्यक्त किए।