-सुभाष शर्मा
उदयपुर। उदयपुर—अहमदाबार ब्रॉड गेज रेलवे लाइन के बीच ओड़ा ब्रिज पर विस्फोट करने वाला मुख्य आरोपित वारदात करने से पहले ही विस्फोटक से पुल उड़ाने की चेतावनी दे चुका था। उसने इस बारे में रेलवे अधिकारियों ही नहीं, बल्कि अन्य कई विभाग के अधिकारियों को भी पत्र भेजे थे। जिसमें उसने इस बात का उल्लेख किया था कि यदि उसके परिवार को न्याय नहीं मिला तो वह रेलवे ब्रिज को उड़ा देगा।
मिली जानकारी के अनुसार रेलवे ब्रिज विस्फोट के मुख्य आरोपित फूल चंद मीणा अपने परिवार की भूमि के हिन्दुस्तान जिंक तथा बाद में रेलवे के अधिग्रहित किए जाने से बेहद खफा था। जब हिन्दुस्तान जिंक ने उनकी पैतृक भूमि का अधिग्रहण किया था तब उसके पिता को नौकरी भी दी थी लेकिन बडे भाई की शिकायत के बाद उन्हें कई साल बाद हटा दिया। बाद में उसके परिवार की कथित जमीन का अधिकांश हिस्सा रेलवे लाइन की ब्राड गेज लाइन बिछाने से पहले रेलवे में अधिग्रहित कर ली। फूल चंद मीणा ने इसके एवज में रेलवे से मुआवजे के तौर पर अधिक पैसा दिए जाने के अलावा नौकरी देने का आग्रह भी किया था। जब दोनों ही मामलों में उसे सफलता नहीं मिली तो उसने ब्रिज उड़ाने की साजिश रचना शुरू कर दिया। पता चला है कि फूल चंद मीणा ने रेलवे ब्रिज उड़ाए जाने की चेतावनी को लेकर पत्र भी लिखे थे। जिनकी प्रति उसके घर से एटीएस की टीम ने बरामद भी किए हैं। अब एटीएस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनंत कुमार ने यह स्वीकार किया है कि उसके घर से कई पत्र और दस्तावेज बरामद हुए हैं। उनकी जांच की जा रही है। उनमें क्या उल्लेखित कर रखा है, यह फिलहाल नहीं बताया जा सकता।
उल्लेखनीय है कि दो सप्ताह पहले फूल चंद मीणा ने अपने दो रिश्तेदारों, जिनमें से एक नाबालिग के साथ मिलकर ओड़ा ब्रिज पर सुपर 90 विस्फोटक लगाया और उसे उड़ाने की कोशिश की। दो बमों में से एक बम फटने से रेलवे लाइन को काफी नुकसान हुआ और एक दिन के लिए उदयपुर—अहमदाबाद यात्री गाड़ी को रद्द करना पड़ा। इस मामले में पुलिस इन आरोपितों को विस्फाटक उपलब्ध कराने पर पिता—पुत्र को गिरफ्तार कर चुकी है। नाबालिग को छोड़कर बाकी चार आरोपित फिलहाल एटीएस की हिरासत में हैं।