उदयपुर, 23 अगस्त। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर ने आईसीएआर के भीमताल (उत्तराखण्ड) स्थित शीतजल मात्स्यकी अनुशंधान निदेशालय (डीसीआरएफ) तथा ग्रीन पीपल सोसायटी उदयपुर के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति डॉ. नरेंद्र सिंह राठौड़ तथा डीसीआरएफ (आईसीएआर) के निदेशक डॉ. पी.के. पाण्डे ने एमपीयूएटी प्रशासनिक कार्यालय में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। दूसरे समझौता ज्ञापन पर ग्रीन पीपल सोसायटी के अध्यक्ष एवं सेवानिवृत मुख्य वन संरक्षक डॉ. राहुल भटनागर ने हस्ताक्षर किये।
कुलपति डॉ.राठौड़ ने कहा कि एमपीयूएटी राजस्थान का पहला विश्वविद्यालय है और हमारी यूनिवर्सिटी ने आईसीएआर रैंकिंग मे संपूर्ण भारत मे 15वां स्थान हासिल किया है। साथ ही हमारे विश्वविद्यालय मे प्रदेश का प्रथम मत्स्यकी महाविद्यालय कार्यरत है जिसे हाल ही में आईसीएआर द्वारा मान्यता भी प्रदान की गई है। यह समझौता ज्ञापन एमपीयूएटी के मत्स्यकी छात्रों को शीतजल मात्स्यकी विज्ञान, जलकृषि और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में एक्शन रिसर्च, संयुक्त अध्ययन, संकाय व छात्र विनिमय में मदद करेगा। डीसीआरएफ के निदेशक डॉ. पाण्डे ने कहा कि उनका संस्थान शील जल मात्स्यकी अनुसंधान मे देश का अग्रणी संस्थान है। उन्होने विश्वास जताया की इस संयुक्त समझौते के अंतर्गत दोनो सस्थानों के शोधर्थियों को नवाचार से अपना शोध अध्यन करने में मदद मिलेगी।
कुलपति ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण एवं वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए एमपीयूएटी ने अनेक कार्यक्रम संचालित किये है ग्रीन पीपल सोसायटी के सहयोग से हमे अपने कार्य क्षेत्र को बढ़ाने एवं पर्यावरण संरक्षण वृक्षारोपण इत्यादि कार्याे में सहयोग मिलेगा जो कि हमारे लिए ग्राम विकास एवं किसान कल्याण कि दिशा में नील का पत्थर साबित होगा। ग्रीन पीपल सोसायटी के अध्यक्षा डॉ. राहुल भटनागर ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान कहा कि ग्रीन पीपल सोसायटी उदयपुर संभाग वनारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, वन्य जीव संरक्षण इत्यादि क्षेत्रो में कार्य कर रही है तथा इस एमओयु के जरिए उन्हे विश्वविद्यालय के विशेषज्ञो की सेवाएं मिल सकेगी जो उनके कार्याे एवं उद्देश्यो में सहायक सिद्ध होगी।
इस अवसर पर एमपीयूएटी के डॉ. एस. के. शर्मा, डॉ. महेश कोठारी, डॉ. आर.ए.कौशिक, डॉ. पी.के. सिंह, डॉ.एस.एस. शर्मा, डॉ. मीनू श्रीवास्तव, डॉ. लोकेश गुप्ता, डॉ. बी. एल. बाहेती, डॉ. मुर्तजा अली सलोदा, डॉ.आर.पी. मीणा, डॉ सुबोध शर्मा और डॉ एम एल ओझा उपस्थित थे।
इस अवसर पर ग्रीन पीपल सोसायटी के डॉ. शरद श्रीवास्तव ने भी विचार रखे। ग्रीन पीपल सोसायटी के अन्य सदस्य डॉ. आई.जे. माथुर, इस्माइल अली दुर्गा, यासिन पठान, प्रताप सिंह, सुहेल मजबुर, अरूण सोनी एवं डॉ. ललित जोशी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अनुसंधान निदेशक डॉ. एस.के. शर्मा ने किया व आभार डॉ.बी.के. शर्मा ने जताया।