आसियावा ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार का खुला खेल: मनरेगा के नाम पर फर्जीवाड़ा

मजदूरों की जगह बंगाली श्रमिक लगा घटिया निर्माण

-जुगल कलाल 

डूंगरपुर, 2 जनवरी । पंचायतीराज में पारदर्शिता के दावों के बीच आसियावा ग्राम पंचायत मेंहाइवे 48 से रामदेव मंदिर तक बनी रही सीसी सड़क में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। मनरेगा के तहत लाखों रुपये की योजना में मजदूरों की जगह ठेके पर बंगाली श्रमिकों से काम करवाया जा रहा है। नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए घटिया सामग्री का उपयोग कर सड़क और पुलिया का निर्माण किया जा रहा है, जो बनने से पहले ही ध्वस्त होने की कगार पर है। सरपंच, सचिव और जेटीओ की मिलीभगत से सरकारी धन को लूटने का यह खेल बेरोकटोक जारी है, जबकि शिकायतों पर भी जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं।

मनरेगा में फर्जीवाड़ा और घटिया निर्माण- हाइवे 48 से रामदेव मंदिर तक करीब 14 लाख रुपये की लागत से सीसी सड़क और पुलिया का निर्माण करवाया जा रहा है। मनरेगा के नियमों के अनुसार, कार्यस्थल पर मस्टरोल और मेट का होना अनिवार्य है, लेकिन आसियावा ग्राम पंचायत में इनका कोई अता-पता नहीं है। मजदूरों के नाम पर बंगाली श्रमिकों को ठेके पर लगाकर काम करवाया जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों ने घटिया निर्माण का आरोप लगाते हुए कहा कि सड़क निर्माण में स्थानीय मेशवो नदी के बैक वॉटर से निकाली गई मिट्टी और रेत का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही, गिट्टी के लिए तय मानकों की अनदेखी कर स्थानीय स्तर की खराब गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। इससे सड़क की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिया बनने से पहले ही दरारें आ चुकी हैं, और सड़क जल्द ही खराब हो जाएगी।

जिम्मेदार अधिकारी लापता- निर्माण कार्य की निगरानी के लिए जिम्मेदार जेटीओ और ग्राम विकास अधिकारी मौके से गायब रहते हैं। शिकायत करने पर जेटीओ का मोबाइल स्विच ऑफ मिलता है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह सरपंच पति, सचिव और जेटीओ की मिलीभगत का नतीजा है। रामदेव मंदिर के देखरेखकर्ता गंगाराम ने बताया कि घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार को लेकर कई बार सरपंच, सचिव और जेटीओ को शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिया निर्माण में पुरानी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह अभी से कमजोर हो चुकी है। शिकायतों के बावजूद अधिकारियों ने आंखें मूंद रखी हैं।

गैर जिम्मेदार वाला बयान –सीसी सड़क चल के काम के बारे में मुझे पता नहीं है। आप तो सीधा सरपंच के पति से बात करो उन्हीं पूरा ध्यान है।

सतीश, ग्राम विकास अधिकारी – बंगाली लेबर काम करवाना गलत है

मनरेगा में बाहरी की मजदूर को नहीं लगाया जा सकता है। अगर ऐसा है तो ग्राम विकास अधिकारी और जेटीए के खिलाफ करवाही की जाएगी। आसियावा में टीम भेजकर मामले को दिखवाता हु। सरकार की योजना के अनुसार स्थानीय लोगों से काम करवाना है।

 

ऋषि पंड्या, ब्लॉक विकास अधिकारी, बिछीवाड़ा

By Udaipurviews

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