श्री बेणेश्वर धाम मेले में सांस्कृतिक संध्या में सजा लोक रंगों का संसार

-सिर पर अग्नि कलश रख पावागढ़ माताजी की आराधना, भगवान राम जन्म पर अवध में बाजी बधाइयां

डूंगरपुर, 05 फरवरी/गुजरात से आए कलाकारों ने सिर पर अग्नि कलश रख पावागढ़ माताजी की आराधना को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। कलाकारों की भाव भंगिमा और संगीत का ऐसा असर हुआ कि शनिवार की शाम पंडाल में उपस्थित सैकड़ों लोगों की आंखों में मातृ भक्ति और शक्ति का स्वरूप उतर आया। मौका था डूंगरपुर जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग, पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर, उत्तरी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला और पंचायत समिति साबला की ओर से शनिवार को आयोजित सांस्कृतिक संध्या का।
सहरिया स्वांग में हाड़ौती की होली के रंग
शाहबाद बारां के गोपाल धानुक और दल के कलाकारों ने
सहरिया स्वांग के माध्यम से होली के रंगों से सराबोर कर दिया। वहीं, एमपी के सागर से आए नदीम रहाणे और उनके दल ने ‘अवध में बाजे बधाइयां…‘ लोकगीत से भगवान राम के जन्म पर अयोध्यावासियों के हर्ष को कलात्मक अभिव्यक्ति प्रदान की।
धरमी और उनके दल की महिला कलाकारों के तेरहताली नृत्य में  लोक देवता रामदेवजी और तेजाजी की आराधना प्रस्तुत की गई। तारतम्य के साथ एक साथ खनकते मंजीरों की मधुर सुर लहरियों के बीच धरती माता की आरती ने मन मोह लिया। उल्लेखनीय है कि तेरहताली संसार का एकमात्र नृत्य है जो महिला कलाकार बैठकर करती हैं। चरी, चकरी और घूमर को भी दर्शकों ने भरपूर सराहा।
मेवात की यूसुफ खान एंड पार्टी के कलाकारों ने लोक वाद्य भपंग की सुरीली प्रस्तुति दी। यूसुफ 20 वीं पीढ़ी के कलाकार हैं जो भपंग बजाते हैं। कार्यक्रम में  उत्तरी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की ओर से हरियाण के जींद के सौरभ टंडन और दल के कलाकारों ने फाग, घूमर, भांगड़ा तथा अलवर के प्रवीण प्रजापत और दल ने भवाई की प्रस्तुति दी।

By Udaipurviews

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