कांग्रेस ने जनजातियों की उपेक्षा की, जबकि भाजपा ने संस्कृति और विरासत के साथ जनजातीय विकास की राह दिखाई: डॉ मन्नालाल रावत
उदयपुर। संविधान सदन के केंद्र हॉल में पंचायत से संसद कार्यक्रम में बोलते हुए सांसद मन्नालाल डॉ रावत ने कहा कि पेसा कानून लागू होने से संविधान की पांचवी अनुसूची धरातल पर उतरी है। उनके अनुसार देश के 10 में से 9 राज्यों में पेसा कानून लागू है परंतु झारखंड में अभी तक नियम बना कर इसे लागू नहीं किया है।
भगवान बिरसा मुंडा जी के 150 भी जन्म जयंती के उपलक्ष में राष्ट्रीय महिला आयोग, जनजाति कार्य मंत्रालय एवं लोकसभा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देश के 22 राज्यों से लगभग 500 महिला सरपंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में उदयपुर संभाग की 22 महिलाओं सहित 40 से अधिक महिलाओं भाग लिया।
सांसद रावत ने अपने उद्बोधन में छठी अनुसूची नॉर्थ ईस्ट के चार राज्यों- असम, मेघालय त्रिपुरा एवं मिजोरम में लागू होने पर तथ्य प्रस्तुत किये। उन्होंने कहा कि पांचवी अनुसूची भारतीय दृष्टि के अनुसार जनजातीय प्रथाओं एवं रूढ़िगत व्यवस्था के अनुरूप प्रेरक कार्य करने हेतु संविधान निर्माता ने प्रावधान किये है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विगत दस वर्षों में और अधिक ताकत दी है। इनमें 80 हजार करोड़ का धरती आबा जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान, 24000 से अधिक करोड़ की प्रधानमंत्री जन मन योजना, जनजाति गौरव दिवस घोषित करना एवं 10 राष्ट्रीय जनजाति संग्रहालय का निर्माण जैसे कार्य प्रमुख रूप से उल्लेखनीय है।
पंचायत सदस्यों से उन्होंने आग्रह किया कि पांचवी और छठवीं अनुसूची के बारे में कुछ लोगों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम का तथ्यों के आधार पर जवाब दें। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के अनुसार विकसित भारत 2047 के सपने को पूरा करने के लिए सभी दिन-रात मेहनत करें।
उन्होंने यह भी कहा कि पांचवी अनुसूची की शक्तियों का प्रयोग करते हुए राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने 1995, 1996, 2007 व 2016 में अनुसूचित क्षेत्र की युवाओं को विशेष आरक्षण की व्यवस्था दी एवं 2018 में राजस्थान के अनुसूचित क्षेत्र का विस्तार करके क्षेत्र के स्थानीय लोगों को संवैधानिक ताकत दी है। उनके अनुसार कांग्रेस ने जनजातियों की लम्बे समय तक अपेक्षा की, लेकिन भाजपा ने विरासत व संस्कृति के साथ विकास की ढेरों योजनाएं देकर जनजातियों को बहुत बड़ी ताकत दी है।
इस कार्यक्रम को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री अन्नपूर्णा देवी तथा केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने भी संबोधित किया।