उदयपुर शहर के मतदाता किसे बांधेंगे सेहरा : विकास के नए वादों पर जताएंगे भरोसा या परम्परा साधेंगे

-गोपाल लोहार
उदयपुर शहर विधानसभा सीट इस बार राज्य ही नहीं, बल्कि देश की सुर्खियों में बनी हुई है। यहां के तात्कालिक विधायक गुलाबचंद कटारिया के असम का राज्यपाल बनने के बाद कांग्रेस के लिए संजीवनी बनी इस सीट से राष्ट्रीय चेहरा कांग्रेस के प्रवक्ता प्रो. गौरव वल्लभ को मैदान में उतारा है, वहीं भाजपा ने सारे कयासों को दरकिनार करते हुए निगम की कमेटी के अध्यक्ष ताराचंद जैन पर भरोसा जताया है। शुरूआती विरोध पर जीत दर्ज कर भाजपा प्रत्याशी जैन पार्टी की जीत की परम्परा को बनाए रखने को लेकर तत्पर हैं। यूं तो इन दो प्रत्याशियों के अलावा आम आदमी पार्टी से मनोज लबाना, बहुजन समाज पार्टी से डॉ. राजकुमार यादव, भारत आदिवासी पार्टी से तुलसीराम गमेती, बहुजन मुक्ति पार्टी से नर्बदा भाटी, इंडियन पीपुल्स ग्रीन पार्टी से भूरी सिंह के अलावा अर्जुन उपाध्याय, डॉ. दीपक रावल और आशु अग्रवाल भी चुनाव मैदान में हैं। शनिवार को होने जा रहा मतदान का प्रतिशत भी जीत—हार में अहम भूमिका निभाएगा।
प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस के प्रत्याशी प्रो. गौरव वल्लभ ने प्रदेश कांग्रेस के सात वादों के अलावा अपनी ओर से उदयपुर शहर के विकास के लिए अन्य सात वादे और किए हैं और उन्हें भरोसा है कि उदयपुर की जनता उनके सिर पर जीत का सेहरा बांधेगी। यह पहली बार है कि कांग्रेस के किसी प्रत्याशी अपनी ओर से चुनावी घोषणा पत्र जारी किया है। अब देखना है कि उदयपुर शहर के मतदाता प्रोफेसर साहब पर कितना भरोसा करते हैं। प्रो. गौरव वल्लभ की वाकपटुता तथा उनके विद्वता पर पार्टी ही नहीं, बल्कि अन्य दलों के मतदाताओं को भरोसा है लेकिन यह मत में तब्दील होगा या नहीं, यह आगामी 3 दिसम्बर को ही पता लग पाएगा। प्रो. गौरव के लिए इस चुनाव में जो कमजोरी रही, वह स्थानीय नेताओं का उतना खुलकर समर्थन नहीं मिल पाया, जिसकी जरूरत थी। हालांकि शुरूआती विरोध के बाद वह कुछ नेताओं को समर्थन में जोड़ने में सफल रहे

इधर, भाजपा के ताराचंद जैन कटारिया के असम का राज्यपाल बनने के बाद खाली हुई इस विधानसभा सीट को सुरक्षित मानकर मैदान में हैं। हालांकि नगर निगम के उप महापौर पारस सिंघवी के खुले विरोध के बाद वह उन्हें मनाने में कामयाब रहे। जैन के साथ भाजपा शहर अध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली तथा नगर निगम के पार्षद जुटे हुए हैं लेकिन भाजपा से जो अन्य नेता टिकट के दौड़ में थे, उनकी सक्रिय नहीं होने का इस बार के परिणाम पर कितना असर पड़ेग़ा? देखने वाली बात होगी। भाजपा के गढ़ रही उदयपुर शहर विधानसभा सीट जैन के लिए जितनी आसान मानी जा रही थी, वह उनके लिए चुनौती भी बन गई। हालांकि जैन को भरोसा है कि उदयपुर का स्थानीय मतदाता किसी बाहरी प्रत्याशी पर उतना भरोसा नहीं जताएगा, जितना उन पर। जैन के समर्थक इसी बात को जमकर भुनाने में जुटे रहे।
यह है उदयपुर शहर से चुनाव लड़ने जा रहे प्रत्याशी
प्रो. गौरव वल्लभ — इंडियन नेशनल कांग्रेस
ताराचंद जैन — भारतीय जनता पार्टी
मनोज लबाना — आम आदमी पार्टी
डॉ. राजकुमार यादव — बहुजन समाज पार्टी
तुलसीराम गमेती — भारतीय आदिवासी पार्टी
नर्बदा भाटी — बहुजन मुक्ति पार्टी
भूरी सिंह — इंडियन पीपुल्स ग्रीन पार्टी
अर्जुन उपाध्याय — निर्दलीय
आशु अग्रवाल — निर्दलीय
डॉ. दीपक रावल — निर्दलीय

उदयपुर विधानसभा से अब तक रहे विधायक और उनकी पार्टी
साल        विधायक                       पार्टी
2018    गुलाब चंद कटारिया            भाजपा
2013    गुलाब चंद कटारिया          भाजपा
2008    गुलाब चंद कटारिया          भाजपा
2003    गुलाब चंद कटारिया          भाजपा
1998    त्रिलोक पूर्बिया                  कांग्रेस
1993    शिवकिशोर सनाढ्य          भाजपा
1990    शिवकिशोर सनाढ्य          भाजपा
1985    डॉ. गिरिजा व्यास               कांग्रेस
1980    गुलाब चंद कटारिया         भाजपा
1977    गुलाब चंद कटारिया          जनता पार्टी
1972    भानुकुमार शास्त्री              भारतीय जनसंघ
1967     मोहनलाल सुखाडिय़ा        कांग्रेस
1962     मोहनलाल सुखाडिय़ा        कांग्रेस
1957     मोहनलाल सुखाडिय़ा        कांग्रेस
1952     मोहनलाल सुखाडिय़ा        कांग्रेस

By Udaipurviews

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