उदयपुर। सेक्टर 4 श्री संघ में विराजित श्रमण संघीय जैन दिवाकरिया महासाध्वी डॉ.संयमलताजी म. सा.,डॉ.अमितप्रज्ञाजी म. सा., कमलप्रज्ञाजी म. सा., सौरभप्रज्ञाजी म. सा. आदि ठाणा 4 के सानिध्य में पर्वाधिराज पर्व पर्युषण के पंचम दिन नारी नर से आगेविषय पर विशेष प्रवचन हुआ।
धर्मसभा को संबोधित करते हुए महासती संयमलता ने कहा नारी अबला नहीं सबला है। नर कितना भी शक्तिशाली, साहसी और वीर हो किंतु वह नारी के बिना अधूरा है।
साध्वी ने आगे कहा कि नारी लक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा का रूप है। जहां नारी का सम्मान होता है वहां देवता भी रमण करते हैं। जो काम पुरुष नहीं कर पाते वह काम नारी कर दिखाती है। आज रियो खेल में भी पीवी सिंधु ने रजत पुरस्कार जीतकर भारत का गौरव बढ़ाया। रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों को नाकों चने चबा देती है। अपनी स्वामी भक्ति के साथ मातृभूमि की रक्षा के लिए पन्नाधाय द्वारा दिया गया बलिदान विश्व में वंदनीय है। मीरा, सीता, द्रोपदी,राजमती,चंदनबाला, कस्तूरबा, सरोजिनी नायडू,इंदिरा गांधी, पद्मिनी रानी,लता मंगेशकर, ऐश्वर्या राय, कल्पना चावला, सानिया मिर्जा, मदर टेरेसा आदि ने समाज देश और राष्ट्र के मान को बढ़ाया है।
साध्वी ने आगे कहा कि आज की नारी अपने दायित्व को ही नहीं अपनी शक्ति और स्वाभिमान को भी भूल गई। आज नारी ही नारी का शोषण कर रही है। बेटी को वरदान के स्थान पर अभिशाप माना जाने लगा है। आजकल की नारी के व्यसन और फैशन, खान-पान रहन-सहन, आवास निवास, बोल चाल आदि सभी तौर तरीके बदलते जा रहे हैं। इंटरनेट पर सामान्य सा परिचय हुआ नहीं कि दोनों शादी कर बैठते हैं घर से भाग जाती है विवाह कर लेती है। नारी नारी क्या करते हो नारी नर की खान,नारी से पैदा हुए राम कृष्ण हनुमान।
मंगलाचरण पश्चात साध्वी सौरभप्रज्ञा ने अंतगढ़ सूत्र के माध्यम से कृष्ण महाराज की पटरानीयों का वर्णन किया। जो कोई संयम पथ पर आगे बढ़ना चाहे उनका दीक्षा महोत्सव एवं जीवन पर्यंत संपूर्ण परिवार की संभाल का बीड़ा कृष्ण महाराज ने उठाया। हम भी संयमी आत्मा को कभी अंतराय ना देवे।धन्ना शालीभद्र की सुन्दर सी नाटिका का मंचन हुआ।504 तेले तपस्वीयांे के सामूहिक पारने का आयोजन हुआ।मध्यान्ह में साध्वी अमितप्रज्ञा ने कल्पसूत्र का वाचन किया। उसके पश्चात तुम माल खरीदो का आयोजन हुआ जिसमें भारी संख्या में भाई बहनों ने भाग लिया।