उदयपुर 26 दिसंबर। जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय), उदयपुर की मेजबानी में आयोजित पश्चिम क्षेत्रीय महिला विश्वविद्यालय हॉकी प्रतियोगिता का आरंभ दिनांक 26 दिसंबर को महाराणा भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय , उदयपुर के प्रांगण में हुआ। उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि अशोक ध्यानचंद ने हॉकी के प्रति बालिकाओं के बढते रूझान को सकारात्मक मानते हुए इसे वर्तमान परीप्रेक्ष्य में महिला सशक्तिकरण का पर्याय बताया। भारत का ओलंपिक समेत अनेक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व कर पदक दिलाने वाले अशोक ध्यानचंद ने बालिकाओं से जीवन में जीत को लक्ष्य बना प्रतिद्वंदी टीम के प्रति समानुभूति की भावना रखने का आह्वान किया।
इससे पूर्व पांच राज्यों के 43 विश्वविद्यालयों से 850 महिला खिलाडियों ने पुलिस बैंड की मधुर स्वर लहरियों के बीच परेड में भाग लिया। ध्वजारोहण कर अतिथियों ने खिलाडियों को शपथ दिला प्रतियोगिता के आरंभ की घोषणा की।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय), उदयपुर के कुलपति प्रो. शिव सिंह सारंगदेवोत ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दृष्टिकोण पत्र का उल्लेख करते हुए 360 डिग्री विकास में खेलों की भूमिका को अधिरेखांकित किया। संस्था पितामह पं. जनार्दनराय नागर के विचारों का उल्लेख करते हुए कुलपति ने कहा कि महिलाओं को मुख्यधारा में लाने में पढाई के साथ ही खेल सपर्द्धाओं में भाग लेने की सुविधा प्रदान करना भी आवश्यक है। और राजस्थान विद्यापीठ इस आदर्श को ध्येय वाक्य मान उस पर अमल कर रहा है। कुलपति ने कोविड -19 के पश्चात खेल के आदर्श में सम्मिलित किए गए चौथे ध्येय शब्द ’फास्टर हायर स्ट्रांगर’ को आदर्श बना जीवन में सकारात्मक भावना के विकास को प्रथम उद्देश्य मानने की प्रेरणा दी। साथ ही प्रो. सारंगदेवोत ने एक विजेता में 5 सी (करेज, कॉन्फीडेंस, कमीटमेंट, कंन्ट्यीनुटी, कंसीस्टेंसी ) का होना आवश्यक है जो कि स्व विकास के साथ ही समाज में सह अस्तित्व निर्माण में सहायक होता है।
समारोह के मुख्य अतिथि विद्या प्रचारणी सभा , भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के चैयरमैन डॉ. प्रदीप कुमार सिंगोली ने हॉकी प्रतियोगिता के आयोजन को ऐतिहासिक घोषित करते हुए इसे श्रेष्ठ प्रबंधन का जीवंत आदर्श घोषित किया। डॉ. महेन्द्र ंिसंह आगरिया, सचिव, विद्या प्रचारणी सभा ने महिला सम्मान में खेलों को मील का पत्थर मान आने वाली पीढी में स्वतंत्रता, समानता व भातृत्व के बीजारोपण से जोडा।
समारोह में सेंट्रल एकेडमी शिक्षा संस्थान के संस्थापक डॉ. संगम मिश्रा ने खेलों को जीवन में निराशा को दूर कर आशा का संचरण करने का माध्यम बताया। लक्ष्य निर्धारण में खेलों के महत्व को अधिरेखांकित करते हुए इसे बालिका शिक्षा से जोडते हुए डॉ. मिश्रा ने इसे स्वालंबन का पर्याय बताया।
उद्घाटन सत्र के आरंभ में राजस्थान विद्यापीठ के रजिस्ट्रार डॉ. हेमशंकर दाधिच ने अतिथियों का स्वागत किया। छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बीच कार्यक्रम का संचालन उदयपुर हॉकी संघ के सचिव डॉ. कुलदीप सिंह झाला ने तथा धन्यवाद की रस्म आयोजन संस्था के स्पोर्ट्स बोर्ड से सह आयोजन सचिव डॉ. दिलीप सिंह चौहान ने अदा की।
इस अवसर पर लक्ष्मी बाई नेशनल इंस्टीट्युट ऑफ फीजिकल एजुकेशन ग्वालियर के पूर्व कुलपति प्रो. डी. के. दुरारिया , प्रो. महेंद्र सिंह आगरिया, डॉ. मोहब्बत सिंह राठौड, ने भी उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। राजस्थान विद्यापीठ स्पोटर््स बोर्ड के आयोजन सचिव डॉ. भवानी पाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि उद्घाटन सत्र के मार्च पास्ट में पांच राज्यों के 43 विश्वविद्यालयों की 850 खिलाडियों ने भाग लिया। उद्घाटन मैच जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय) एवं वनस्थली विद्यापीठ के मध्य खेला गया जिसमें राजस्थान विद्यापीठ 14-0 की टीम विजयी रहीं। जिसमें किरण मीणा ने 3 , कोमल शर्मा ने 3 तथा राजरानी, कनिष्का, पूजा और रोमा ने दो – दो गोल किये।
इस अवसर पर प्रो. सुमन पामेचा, प्रो. सरोज गर्ग, डॉ. शेलेन्द्र मेहता, डॉ. राजन सूद, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. संतोष लांबा, डॉ. रोहित कुमावत, डॉ. मनीष पालीवाल, अनिता राजपूत , डॉ. देवेन्द्र समेत अनेक गणमान्य नागरिक , संकाय सदस्य एवं हॉकी खिलाडी उपस्थित रहे।
यह जानकारी निजी सचिव कृष्णकांत कुमावत ने दी।