विद्या भवन ने प्रारम्भ किया अनूठा कार्यक्रम -14  जिलों की  सौ लड़कियाँ ले रही है  कोडिंग  प्रशिक्षण

सैयद हबीब
उदयपुर, 23 अगस्त,   विद्या भवन  उदयपुर में  अनूठा “अभिलाषा” कार्यक्रम  बुधवार को प्रारम्भ हुआ। अभिलाषा कार्यक्रम गांवो, कस्बों की दसवीं – बारहवीं उतीर्ण बेटियोँ में   बी.टेक (कंप्यूटर विज्ञान) डिग्री के बराबर कोडिंग का  कौशल विकसित कर उनकी हर अभिलाषा को पूर्ण करना है।
अलवर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, ब्यावर, जयपुर, उदयपुर, अजमेर, राजसमंद, जालोर, करौली, बीकानेर, कोटा, टोंक, नागौर जिलों के 86 कस्बों गावों की 100  लड़कियां इस प्रशिक्षण के लिए विद्या भवन में आई है। अधिकांश बेटियां   वंचित पृष्ठभूमि से हैं, जिन तक  शैक्षणिक सुविधाओं की पहुँच व अवसर  बेहद सीमित है। अधिकांश बच्चियाँ पहली पीढ़ी की शिक्षार्थी हैं और कई तो अपने परिवार में 12वीं कक्षा तक की शिक्षा पूरी करने वाले पहली सदस्य हैं।
दूर दराज के गाँवों कस्बों की  मुख्यतया सरकारी विद्यालयों से पढ़ी ये बेटियाँ कोडिंग प्रशिक्षण पश्चात   सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, एनालिटिक्स जैसी महत्वाकांक्षी नौकरियों तक पहुंच  सकेगी ।
पन्द्रह  महीने का पूर्णतया निःशुल्क   अभिलाषा  आवासीय कार्यक्रम इन बेटियोँ  को उन समस्त  आवश्यक हुनरों ,आत्मविश्वास,  व्यावहारिक अनुभव,  ज्ञान  से लैस करेगा जो  वास्तविक जीवन    की समस्याओं को दूर करने के लिए जरूरी है।   यह कार्यक्रम तेजी से बढ़ते करियर पथ के साथ प्रति माह 20 से 40 हजार रुपये तक के प्रारंभिक  रोजगार की गारंटी देता है।
 विद्याभवन सोसायटी, नवगुरुकुल, बजाज फिनसर्व और कोइटा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में संचालित  अभिलाषा कार्यक्रम के   विद्या भवन ऑडिटोरियम में  आयोजित  उदघाटन  समारोह के मुख्य अतिथि    भरत सिंह कुन्दनपुर, विधायक सांगोद, कोटा थे ।  बेटियोँ को आधुनिक कोडिंग से जुड़ते देख अभिभूत हुए भरत सिंह ने विश्वास जताया कि बेटियां अपने परिवार सहित देश का नाम दुनियां में रोशन करेगी।  कोइटा फाउंडेशन की अध्यक्ष  रेखा कोइटा  ने कहा कि अभिलाषा कार्यक्रम  समाज के लिए और विशेष तौर पर बच्चियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो व सामाजिक –  आर्थिक कारणों की वजह से आगे नहीं बढ़ पाती ।    विद्या भवन के अध्यक्ष अजय एस. मेहता ने  कार्यक्रम को  समाज  और विद्या भवन के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि
  अभिलाषा इन बेटियों के लिए आगे बढ़ने का  मौका और जरिया है।
नव गुरुकुल की सी ई ओ निधि  अनारकट ने बताया कि कार्यक्रम के पाठ्यक्रम को 3 बूट कैंप और 19 माइलस्टोंस  में विभाजित किया गया है । फाउंडेशनल बूट कैंप में 5 माइलस्टोंस होंगे जिनमें बेटीयाँ  सीखने की आदतें और दृष्टिकोण, संचार कौशल, संक्रियात्मक सोच और बुनियादी गणितीय कौशल  में प्रशिक्षित होगी। कोडिंग बूटकैंप में 10 माइलस्टोंस होंगे और इसमें व्यावहारिक अभ्यास और परियोजनाओं के माध्यम से कोडिंग सिखाना शामिल होगा। तीसरे इंटर्नशिप बूटकैंप में जवाबदेही और व्यावसायिकता और जॉब सिमुलेशन शामिल है।
यह एक अनोखा कोर्स है जहां न कोई शिक्षक होगा और न ही कोई परीक्षा। नवगुरुकुल द्वारा लॉन्च किया गया एक ओपन-सोर्स ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म मेराकी बेटियोँ  की शिक्षा की मेजबानी करेगा।
कार्यक्रम में पूर्व मेयर रजनी डांगी सहित नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।  कार्य्रकम का संचालन डॉ निष्ठा जैन एवं शिवानी सूजी द्वारा किया गया.
By Udaipurviews

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