भीलवाड़ा, 12 दिसंबर। कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा द्वारा प्राकृतिक खेती पर जिला स्तरीय किसान मेले का आयोजन माण्ड़लगढ़ पंचायत समिति के गाँव मीणों की धाकड़खेड़ी में किया गया। मेले में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने किसानों को रासायनिक खेती से प्राकृतिक खेती की ओर लौटने का आह्वान किया। डॉ. कर्नाटक ने भैरूनाथ स्वयं सहायता समूह, धाकड़खेड़ी में टीएसपी केपिटल योजनान्तर्गत स्थापित आईआईपीआर मिनी दाल मिल का उद्घाटन करते हुए कम लागत में शुद्ध दाल का अधिक उत्पादन कर पोषण एवं आजीविका सुदृढ़ करने की आवश्यकता प्रतिपादित की।
डॉ. आर.ए. कौशिक, निदेशक प्रसार शिक्षा ने प्राकृतिक खेती के महत्त्व पर चर्चा करते हुए बताया कि किसान भाई प्राकृतिक खेती द्वारा भूमि एवं मानव स्वास्थ्य को श्रेष्ठ बनायें। डॉ. एस.के. शर्मा, निदेशक अनुसंधान ने प्राकृतिक खेती पर किए गये अनुसंधान कार्य किसानों के साथ साझा करते हुए बताया कि प्राकृतिक खेती द्वारा भी किसान भाई अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते है। प्रबन्ध कार्यकारिणी के सदस्य डॉ. एस. आर. मालू ने रासायनिक उर्वरकों की कमी एवं अधिक लागत को देखते हुए कम लागत में प्राकृतिक खेती करने का सुझाव दिया।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी. यादव ने केन्द्र की गतिविधियों एवं प्राकृतिक खेती के मूल स्तम्भ जीवामृत, बीजामृत, जैविक पंचगव्य, केंचुआँ खाद एवं वेस्ट डिकम्पोजर की तकनीक जानकारी दी। डॉ. यादव ने बताया कि केन्द्र द्वारा स्थापित मिनी दाल मिल किसानों को आत्मनिर्भर बनाते हुए उनके पोषण स्तर में भी सुधार करेगी। डॉ. यादव ने बताया कि मेले में केन्द्र द्वारा निर्मित भीलवाड़ा गोटरी प्राईड कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के सर्टिफिकेट का विमोचन करते हुए एफपीओं के डायरेक्टर महिपत सिंह चुण्ड़ावत को प्रदान किया गया साथ ही मेले में आत्मा भीलवाड़ा के सहयोग एवं मार्गदर्शन में केन्द्र के डॉ. सी. एम. यादव, डॉ. के. सी. नागर, वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता प्रकाश कुमावत द्वारा लिखित तकनीकी फोल्डर कृषि में नीम का उपयोग एवं महिला सशक्तिकरण हेतु बढ़ता कदम स्वयं सहायता समूह का विमोचन भी आगन्तुक अतिथियों द्वारा किया गया। मेले में वेस्ट डिकम्पोजर, जीवामृत, घनजीवामृत, नेपियर घास, प्याज पौध एवं बकरियों में नस्ल सुधार के लिए सिरोही बकरे के प्रदर्शन दिए गए।
मेले में डॉ. लोकेश गुप्ता, डीन सीडीएफटी महाविद्यालय उदयपुर, डॉ. पी. के. सिंह, डीन सीटीएई उदयपुर, डॉ. जी. एल. चावला, परियोजना निदेशक आत्मा, डॉ. वीरेन्द्र नेपालिया, विशेषाधिकारी, माननीय कुलपति के व्यक्तिगत सचिव नारायण सिंह चौहान, सेवानिवृत्त फार्म मैनेजर महेन्द्र सिंह चुण्डावत, सरंपच शंकर लाल धाकड़ ने भी अपने विचार व्यक्त किए। प्रोफेसर के. सी. नागर ने मंच संचालन करते हुए बताया कि मेले में सहायक कृषि अधिकारी नन्द लाल सेन एवं वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता प्रकाश कुमावत को उत्कृष्ट कार्यों के लिए माननीय कुलपति द्वारा सम्मानित किया गया। मेले में डॉ. एल. एल. पंवार, डीन कृषि महाविद्यालय भीलवाड़ा, डॉ. एस. डी. धाकड़ विशेषाधिकारी, डॉ. के. एल. जीनगर, पूर्व डीन कृषि महाविद्यालय भीलवाड़ा, गोपाल लाल टेपन, महेश सुवालका, सिद्धार्थ सोलंकी आत्मा भीलवाड़ा के साथ ही 882 कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया।