उदयपुर। पशु चिकित्सको ने NPA की मांग को लेकर 16 सितंबर शनिवार को राज्यव्यापी अवकाश लिया था। दो दशको से चली आ रही इस माँग को लेकर पूर्व में भी 1 दिसंबर 2022 से आमरण अनशन आरम्भ किया था आमरण अनशन के दौरान 10 पशु चिकित्सक एस. एम. एस अस्पताल में भर्ती हुए 40 दिवस तक चले अनशन को मन्त्री पशुपालन विभाग लालचन्द कटारिया द्वारा दिनांक 26.01.2023 को अनशनरत पशु चिकित्सको को ज्यूस पिलाकर अनशन समाप्त करवाया गया था।
कटारिया जी ने धरना स्थल पर मीडिया को संबोधित करते हुए पशु चिकित्सको की सभी मांगों को न्यायोचित स्वीकारते हुए शीघ्र समाधान हेतु आश्वासन दिया था। मांगों के क्रम में पशु चिकित्सक संघ के प्रतिनिधि मण्डल से वित्त विभाग राजस्थान सरकार से निरन्तर वार्ता हुई। अनेक दौर की वार्ता उपरान्त अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त विभाग द्वारा नॉन प्रेक्टिस एलाउन्स (NPA) पर सहमति दर्शाते हुए कामधेनू पशु बीमा योजना शुभारम्भ तक नॉन प्रेक्टिस एलाउन्स (NPA) की स्वीकृति जारी करने हेतु ठोस आश्वासन दिया गया था । किन्तु आज दिनांक तक भी पशु चिकित्सकों को (NPA) घोषणा नहीं हुई जिससे पशुचिकित्सकों में घोर निराशा है, एवं पशु चिकित्सकों ने निर्णय लिया है जबतक राज्य सरकार उनकी (NPA) की माँग को नही मानती तब तक 18 सितंबर से हम बेमीयादी हडताल पर रहेगे इससे राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी कामधेनु बीमा योजना एवं गौशालाओं के अनुदान संबंधी कार्य प्रभावित होगे तथा बीमार पशुओं को हो रही कठीनाई के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी ।
गौरतलब है कि इस राज्यव्यापी हडताल में पशु पालन विभाग के समस्त स्तर के अधिकारी 1. पशु चिकित्सा अधिकारी 2. वरिष्ठ पशुचिकित्सा अधिकारी ३। उपनिदेशक, 4. संयुक्त निदेशक, 5. अतिरिक्त निदेशक समस्त अधिकारी सम्मलित है। पशु चिकित्सक संघ राजस्थान आपसे विनम्रतापूर्वक आग्रह करते है कि राज्य के पशु चिकित्सक गौमाता से जुड़े समस्त दायित्वों हेतु सदैव निमित्त रहे है अतः राज्य के पशु चिकित्सको की न्यायोचित मांग नॉन प्रेक्टिस एलाउन्स (NPA) हेतु राज्य सरकार को पत्र लिख शीघ्रातिशीघ्र नॉन प्रेक्टिस एलाउन्स (NPA) के आदेश पारित करवाने हेतु आग्रह किया।