उसनस फाउंडेशन और विदेश मंत्रालय आयोजित करेंगे महाराणा प्रताप भूराजनीतिक संवाद 2023 

उदयपुर, 8 फ़रवरी। सुरक्षा एवं विदेश निति के थिंक टैंक उसनस फाउंडेशन एवं विदेश मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में “महाराणा प्रताप भूराजनीति संवाद 2023” आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम का मुख्य विषय “बदलती वैश्विक भूराजनैतिक व्यवस्था और भारत की भूमिका” है।
कार्यक्रम का पहला चरण ऑनलाइन कांफ्रेंस दिनांक 9 एवं 10 फ़रवरी को होगा वही दूसरे चरण में ऑफलाइन कॉन्फ्रेंस उदयपुर में दिनांक 23 से 25 मार्च को किया जायेगा।
उसनस फाउंडेशन के संस्थापक एवं जम्मू- कश्मीर के राज्यपाल के पूर्व सलाहकार अभिनव पंड्या ने बताया की महाराणा प्रताप का सबसे बड़ा योगदान सुरक्षा, रणनीति, कूटनीति एवं युद्ध प्रणाली के क्षेत्र में है परन्तु आज तक कभी उनके इस योगदान को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित नहीं किया गया। पहली बार यह कार्य उसनस फाउंडेशन कर रहा है और यह महाराणा प्रताप को सच्ची श्रद्धांजलि है। पंड्या ने बताया की विदेश मंत्रालय के इस कांफ्रेंस और उसनस फाउंडेशन के साथ जुड़ना मेवाड़ के लिए अत्यंत हर्ष व गौरव का विषय है।
आज से आयोजित होने वाली ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश के ख्यात नाम सुरक्षा विशेषज्ञ शामिल होंगे जिनमे भारत, लीबिया, जॉर्डन और माल्टा आदि देशों के पूर्व राजदूत, अनिल त्रिगुणायत, जनरल सईद अता हसनैन , जनरल सतीश दुआ, जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक प्लान की थी, इजराइल के भारत में पूर्व राजदूत डेनियल कर्मों, पूर्व राजदूत अशोक सज्जनहार व यूएन की पूर्व असिस्टेंट सेक्रेटरी जनरल लक्ष्मी पूरी, सुरक्षा विशेषज्ञ व इंडिया फाउंडेशन के निदेशक अलोक बंसल, विवेकानंद फाउंडेशन के निदेशक व भारत के पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अरविन्द गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार अरुण आनंद, सुरक्षा विशेषज्ञ बुर्ज़िने वाघमार (इंग्लैंड), ऑश्रित बोरवेदकर (इजराइल), नीना सलमा (इजराइल), प्रोफेसर एली करमों (इजराइल) व अन्य कई विशेषज्ञ भाग लेंगे।
कार्यक्रम अलग अलग सत्रों में रहेगा, जिसमे भारत के मध्य एशिया के साथ सम्बन्धो, चीन और पाकिस्तान की चुनौती, भारतीय विदेश निति, बदलती विश्व व्यवस्था और भारतीय परंपरा के कूटनीति विशेषज्ञ जैसे कि चाणक्य, कामन्दक नीतिसार आदि पर चर्चा होगी। इसके अतिरिक्त भारत के विरुद्ध सूचना युद्ध और नैरेटिव वॉर पर भी  विचार विमर्श होगा।
पिछले वर्ष उसनस फाउंडेशन ने महाराणा प्रताप डायलाग आतंकवाद पर आयोजित करवाया था, जिसमे देश और विदेश के नामी विशेषज्ञों ने भाग लिया था। उल्लेखनीय है की उसनस फाउंडेशन देश के अग्रणी सुरक्षा थिंक टैंक में  शुमार है। उसनस फाउंडेशन के बोर्ड में भारत की गुप्तचर एजेंसी रॉ के भूत पूर्व निदेशक सीडी सहाय, एम्बेसडर अनिल त्रिगुणायत, चीन विशेषज्ञ डॉ. कोंडपल्ली, आतंकवाद एक्सपर्ट, डॉ. माइकल बराक, डॉ. क्लेओ पास्कल इत्यादि विशेषज्ञ है। यह संस्था नियमित रूप से भारत सरकार को भी सुरक्षा एवं विदेश निति के विषय पर सलाह देती रहती है।
By Udaipurviews

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