देशभर से पहुंचे मंत्रीगण, सचिव व अन्य गणमान्य अतिथि
अतिथियों का मेवाड़ी परंपरा से हुआ स्वागत-सत्कार
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी करेंगी कार्यक्रम का उद्घाटन
शनिवार को होगा शुभारंभ समारोह, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एवं उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी करेंगे शिरकत
उदयपुर, 10 जनवरी। महिलाओं और बच्चों के समग्र विकास एवं कल्याण से जुड़ी चुनौतियों और उनके समाधान को लेकर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा राजस्थान सरकार के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय चिन्तन शिविर का आगाज़ शुक्रवार को हुआ।
विश्व प्रसिद्ध फतहसागर झील के किनारे स्थित होटल रेडिसन ब्लू पैलेस में आयोजित इस चिन्तन शिविर में भाग लेने हेतु देशभर से मंत्रीगण, सचिव व गणमान्य अतिथि का आगमन देर शाम तक जारी रहा। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, महिला एवं बाल विकास केन्द्रीय राज्यमंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर व राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मंजू बाघमार, सचिव महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार अनिल मलिक सहित अन्य गणमान्य अतिथि कार्यक्रम स्थल पहुंचे, जहां महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव महेन्द्र सोनी सहित अन्य अधिकारियों ने मेवाड़ी पाग व उपरना पहनाकर और पुष्पगुच्छ भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया।
महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव महेन्द्र सोनी ने बताया कि शुक्रवार को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अतिथियों व डेलीगेट्स का रजिस्ट्रेशन किया गया। अगले दिन शनिवार 11 जनवरी को सुबह 9.30 बजे शुभारंभ समारोह होगा। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के महिला एवं बाल विकास विभागों के मंत्री भी शामिल होंगे। साथ ही मंत्रालय की प्रमुख पहलों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करेंगी। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर, वर्तमान में जारी पहलों पर अद्यतन जानकारी साझा करेंगी।
कार्यक्रम में मंत्रालय की प्रमुख पहलों पर ध्यान केंद्रित करने वाले कई महत्वपूर्ण सत्रों में मिशन वात्सल्य, मिशन शक्ति और मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 शामिल हैं। इन सत्रों का उद्देश्य महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान निकालना और भारत में महिलाओं के कल्याण और बच्चों के विकास को मजबूत बनाने के लिए भविष्य का मार्ग प्रशस्त करना है।
सर्वोत्तम नवाचार करेंगे साझा :
शिविर के दौरान महिलाओं और बच्चों के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से की गई सफल पहलों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से सर्वोत्तम नवाचार एवं अभ्यासों का प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा। साथ ही लाभार्थियों को बेहतर तरीके से सेवाएं प्रदान करने के लिए इन प्रथाओं को और अधिक जिलों में कैसे बढ़ाया जाए, इस पर चर्चा की जाएगी।
खुली चर्चा से निकलेगा चुनौतियों का समाधान :
शिविर में राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के साथ खुली चर्चा की सुविधा होगी। इससे चुनौतियों का समाधान करने, विचारों को साझा करने और सहयोगात्मक समस्या-समाधान में शामिल होने के लिए एक मंच प्रदान किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वर्तमान में जारी कार्यक्रम लक्षित आबादी की आवश्यकताओं को पूरा करें। मुख्य विषयों में मिशन सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 शामिल होंगे। आंगनबाड़ी केंद्रों को मजबूत करना ताकि उन्हें पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य और जागरूकता और सेवाओं के केंद्र के रूप में विकसित किया जा सके। मिशन वात्सल्य, बेहतर चाइल्डकेयर संस्थानों, पालन-पोषण देखभाल, गोद लेने और बाद की देखभाल के माध्यम से बाल कल्याण को तेज करना, मिशन शक्ति, महिलाओं की सुरक्षा, बाल विवाह और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विशेष रूप से शी-बॉक्स पोर्टल के माध्यम से प्रौद्योगिकी के उपयोग जैसे मुद्दों का समाधान तलाशा जाएगा। चिंतन शिविर का समापन 12 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस के साथ होगा। इसमें मंत्री महोदय, राज्य मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मीडिया को कार्यक्रम के परिणामों के बारे में जानकारी देंगे और मंत्रालय की पहलों के लिए भविष्य की कार्रवाई की रूपरेखा तैयार करेंगे।