उदयपुर के ठगी पीड़ितों का दिल्ली कूच : संसद का घेराव कर करेंगे आयड़ के जल से छिड़काव कर पवित्रीकरण

उदयपुर। ठगी पीढ़ी जमा कर्ता परिवार द्वारा देश के 42 करोड लोगों के के भगतान, निवेशकों व अभिकर्ताओं की सुरक्षा गारंटी की मांग को लेकर देश के साढे चार सौ स्थान पर पिछले 82 दिन के धरने के उपरांत भी केंद्र सरकार द्वारा किसी प्रकार का संज्ञान नहीं लिए जाने से क्षुब्ध होकर संगठन द्वारा 25 नवम्बर को देश की संसद के पवित्रीकरण करने तथा घेराव करने का निर्णय लिया गया है जिसके अंतर्गत देश के कोने कोने से नदियों का पूजन कर जल एकत्रित करके दिल्ली ले जाया जाएगा प्रवक्ता मनोज राजपुरोहित ने बताया कि संगठन द्वारा 25 नवम्बर को संसद पवित्रीकरण करने के क्रम में आज उदयपुर स्थित गंगोदभव कुण्ड पर राष्ट्रीय महामंत्री एडवोकेट भरत कुमावत के नेतृत्व में जल पूजन करके कलश में जल लिया गया जिसको लेकर कर सत्याग्रहि दिल्ली कुच करेंगे। गायत्री परिवार के घनश्याम पटवा ने विधि विधान से सर्व देव एवं पूर्वजों का आह्वान किया तथा जल पूजन संपन्न करवाया। जल पूजन में महिला जिलाध्यक्ष मनोरमा कोठारी, नेहा टांक, मनोरमा कोठारी, रामेश्वर, ज्ञानेश्वर बंसल, महेंद्र सिंह, शोभा मेहता उपस्थित थे।

ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार के जिलाध्यक्ष बंशीलाल मीणा ने बताया कि देशभर के 42 करोड़ ठगी पीड़ितों के भुगतान, अभिकर्ताओं की सुरक्षा और बड्स एक्ट 2019 कानून के तहत 180 दिनों में भुगतान की माँग को लेकर राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन के अंतर्गत देश भर के लाखों निवेशक अभिकर्ता दिल्ली कूच करेंगे उसी क्रम में उदयपुर से ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार के राष्ट्रीय महामंत्री एडवोकेट भरत कुमावत , प्रवक्ता मनोज राजपुरोहित राष्ट्रीय रणनीति निर्माण समिति की बैठक में भाग लेने गंगोद्भव कुण्ड का पवित्र जल लेकर,आज दोपहर को सड़क मार्ग से दिल्ली रवाना हुए।जिनकी आरती उतारकर, तिलक लगाकर महिला जिलाध्यक्ष मनोरमा कोठारी, नेहा टांक सहित अन्य सदस्यों ने विदाई शुभकामना दी।
इस अवसर पर राष्ट्रीय महामंत्री एडवोकेट भरत कुमावत ने कहा कि गत सात वर्षों में करोड़ों निवेशकों की समस्याएं और जीवन स्तर तेजी से गिरता जा रहा है और लगातार एक बड़ा वर्ग अवसाद से ग्रस्त होकर
संविधान प्रदत्त सम्मानपूर्ण गरिमा मय जीवन जीने के अधिकार के विपरीत नारकीय जीवन जीने को मजबूर हो रहे हैं, और आत्महत्या जैसे विकल्प चुनने को मजबूर हो रहे हैं।
राष्ट्रव्यापी धरने के 84 दिन बीत जाने पर भी केंद्र सरकार , प्रधानमंत्री कार्यालय, सहकारिता मंत्रालय और सत्तासीन पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को हजारों ज्ञापन, संज्ञान पत्र देने के बावजूद अब तक निवेशकों की समस्याओं को जानने हेतु किसी ने बात तक करना जरूरी नहीं समझा। यह एक संवेदनहीन, किंकर्तव्यविमूढ़ता की निशानी है जो आज के भारत का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक दुर्भाग्य है।
कुमावत ने कहा कि इस बार देश के तमाम संगठन आर पार की लड़ाई लड़ने की मानसिकता के साथ संसद का घेराव करेंगे और जब तक केंद्र सरकार सुनवाई नहीं करती तब तक अनिश्चितकालीन पड़ाव दिल्ली में डाला जाएगा।

By Udaipurviews

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