एक हाईकोर्ट के स्टे से, दूसरे का राज्य सरकार ने किया था तबादला
उदयपुर। उदयपुर के चिकित्सा विभाग में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। यहां संयुक्त निदेशक(जेडी)तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी(सीएमएचओ)पद पर दो—दो अधिकारी कार्यरत हैं। इनमें से एक—एक चिकित्सा अधिकारी का तबादला आचार संहिता से पहले राज्य सरकार ने किया था, जबकि पहले से सेवारत अधिकारी हाईकोर्ट से स्टे ले लाए। ऐसे में डीडीओ पावर को लेकर भी आपसी जंग छिड़ी हुई है। जिसको लेकर अधीनस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी भी पशोपेश में हैं।
निदेशालय की नजर में डॉ. अशोक सीएमएचओ, बामनिया हाईकोर्ट से लाए स्टे
चिकित्सा निदेशालय की नजर में उदयपुर के डॉ. अशोक आदित्य ही सीएमएचओ हैं और कानूनी राय के मुताबिक उन्हें ही डीडीओ पावर मिलेगी। जन स्वास्थ्य निदेशक डॉ. रवि प्रकाश माथुर का कहना है कि विधि विभाग की राय से राज्य सरकार को अवगत कराया जाएगा और जैसा सरकार आदेश देगी, उसी की पालना होगी। जबकि हाईकोर्ट से स्टे को लेकर डॉ. शंकर बामनिया का दावा है कि उनके पास डीडीओ पावर रहेेगी।
इधर, संयुक्त निदेशक भी दो
उदयपुर में चिकित्सा विभाग में संयुक्त निदेशक के एक पद पर दो अधिकारी नियुक्त हैं। राज्य सरकार के आदेश पर डॉ. प्रकाश चंद्र शर्मा ने संयुक्त निदेशक का पदभार ग्रहण किया था। लेकिन पहले से पदस्थ डॉ. जुल्फिकार अहमद काजी का तबादला नहीं किया। हालांकि कुछ दिनों बाद उन्हें एपीओ कर दिया गया। किन्तु वह भी हाईकोर्ट से स्टे ले आए और पदभार ग्रहण कर लिया।
उदयपुर के चिकित्सा विभाग में गड़बड़झाला, एक ही पद पर दो—दो अधिकारी
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