उदयपुर 16 फरवरी / मेवाड़ के महाराणा भूपाल सिंह जी की 139वीं जयंती पर जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विवि के कुलपति सचिवालय के सभागार में गुरूवार को कुलपति कर्नल प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत, कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर, रजिस्ट्रार डॉ. हेमशंकर दाधीच, डॉ. हरीश शर्मा, डॉ. एसबी नागर, डॉ. आशीष नंदवाना ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हे नमन किया। इस अवसर वक्ताओं ने कहा कि आजादी के पूर्व महाराणा भूपाल सिंह ने मेवाड़ के शहरी एवं आदिवासी अंचल में शिक्षा की अलख जगाई। संस्थापक जनुभाई ने महाराणा की प्रेरणा से ही 1937 में विद्यापीठ की स्थापना की जिसने आज वट वृक्ष का रूप ले लिया है। आजादी के पूर्व हर वर्ग के उत्थान के लिए हर संभव सहयोग किया। विलिनिकरण के दौरान मेवाड़ में आने वाले हर व्यक्ति को अपने यहॉ शरण दी। सबसे पहले रियासती एकीकरण के पक्षकार महाराणा भूपाल सिंह जी थे उनके इस सहयोग के लिए उनको पूरे भारत के एकीकरण के दौरान मार्ग प्रदर्शक की छवि के रूप में पेश किया गया। महिला शिक्षा के साथ साथ सामाजिक सरोकार में उनके उल्लेखनीय योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। युवाआंे केा उनके जीवन से सीख लेनी चाहिए। इस अवसर पर डॉ. चन्द्रेश छतलानी, डॉ. वीणा द्विवेदी, उमराव सिंह राणावत, लहरनाथ, रजनी पी. , विजयलक्ष्मी सोनी, डॉ. हेमंत साहू, विकास डांगी, कालू सिंह, अनिता राजपूत, सावरिया लाल धाकड सहित कार्यकर्ताओं ने महाराणा भूपाल सिंह जी क चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हे नमन किया।
महाराणा भूपाल सिंह की 139 वीं जयंती पर किया नमन आजादी के पूर्व महाराणा भूपाल सिंह ने मेवाड़ में शिक्षा की अलख जगाई
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