उदयपुर। तीर्थ वंदन महा अभिनन्दन यात्रा राष्ट्र संत गुरु माँ गणिनि आर्यिका 105श्री सुप्रकाश मति माताजी 5 आर्यिका माताजी ससंग का मंगल विहार आज देव सोमनाथ शक्तावतों का गुडा से पद यात्रा श्रीऋषभ देव तीर्थ केसरियाजी से रवाना हुई। जहंा से आदिनाथ जिनेन्द्र महा अर्चना से ’प्रथम तीर्थ दर्शन से शुभारम्भ’ होगा।
सुप्रकाश ज्योति मंच के राष्ट्रीय संयोजक ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि यह यात्रा गुरु माँ सुप्रकाश मति जी का पुराने तीर्थ पर उनकी सुरक्षा का लक्ष्य युवा मंे पुराने तीर्थ का दर्शन यात्रा का भाव बने इस उदेश्य के साथ किया है। इसनें प्रथम विश्व प्रसिद्ध तीर्थ जैन तीर्थ कर आदिनाथ से प्रारम्भ हो रहा है। आगे यह यात्रा पीपली शांति नाथ होते हुए उदयपुर ध्यानोदय तीर्थ पर 23 नवंबर को सांय 4.15 बजे मंगल प्रवेश करेगी। उसके बाद पुनः यात्रा फरवरी में प्रारम्भ होंगी जो अनिन्दा बिजोलिया कोटा होते हुए मध्य प्रदेश मे प्रवेश करेंगी।
उन्हेांने बताया कि जहां सोना गिरी होते हुए उत्तरप्रदेश मे अयोध्या बनारस होते हुए जैन तीर्थ सम्मेद शिखर में चातुर्मास का पड़ाव संभव है।
गरु मां ने कहा कि पुराने तीर्थ जीवंत रहे और युवा ही इनकी रक्षा सुरक्षा कर सकते है अतः आप सभी इस यात्रा मे चार कदम हमारे साथ चलिए आप जुड़ कर इस तीर्थ वंदन महाअभिनन्दन यात्रा का आनंद अनुभव कीजिए।
यात्रा मुख्य सयोजक ओम प्रकाश गोदावत ने बताया कि इससे पहले गुरु माँ संस्कार यात्रा के माध्यम से युवा में संस्कार का अलख जागते हुए करीब पूरे भारत वर्ष मे अपने चरणों द्वारा 75000 किलोमीटर की यात्रा का समापन उदयपुर मे ही किया था और आज जैन तीर्थ की सुरक्षा हो युवा जुड़े इस उदेश्य से 5 आर्यिकाउदयपुर मे मंगल प्रवेश 23नवंबर को सांय 4.15बजे होगा एवं फरवरी मे इसमें 4आर्यिका और जुड़ जाएगी कुल 9आर्यिका फरवरी 2024मे इस यात्रा को आगे बढ़ायगी।