पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र का तीन दिवसीय उत्सव 28 फरवरी से  

शिल्पग्राम में छाएगी बहार ‘ऋतु वसंत’ की
उदयपुर, 20 फरवरी। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर द्वारा शिल्पग्राम में बसंत ऋतु के स्वागत में तीन दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव ‘ऋतु वसंत’ का आयोजन 28 फरवरी से 2 मार्च तक किया जाएगा। इस आयोजन में शास्त्रीय संगीत और नृत्य की नामचीन हस्तियां अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगी।
केंद्र के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि उत्सव का शुभारंभ शुक्रवार 28 फरवरी को जोधपुर के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पं. राजेन्द्र वैष्णव के सुरों से होगा। इसके बाद पुणे की ख्याति प्राप्त कथक गुरु शमा भाटे अपने समूह के साथ कथक की उत्कृष्ट प्रस्तुति देंगी। शमा भाटे, जिन्हें ‘शमा ताई’ के नाम से भी जाना जाता है, कथक नृत्य के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। वे वर्षों से कथक की पारंपरिक व समकालीन शैलियों में गहन शोध और प्रशिक्षण दे रही हैं।
दूसरे दिन, शनिवार 1 मार्च को, गोवा के प्रख्यात शास्त्रीय गायक डॉ. प्रवीण गांवकर अपनी प्रस्तुति देंगे। उन्हें तबले पर रोहिदास परब, हारमोनियम पर सुभाष फतेरपेकर, और सारंगी पर वसीम खान का साथ मिलेगा। इसके बाद, अमित गंगानी एवं उनका समूह कथक नृत्य की प्रस्तुति देगा।
अंतिम दिन, रविवार 2 मार्च को, जयपुर के प्रसिद्ध गायक मो. अमान खान शास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेंगे। इसके पश्चात, दिल्ली की सुप्रसिद्ध नृत्यांगना कनक सुधाकर एवं उनके दल द्वारा भरतनाट्यम की शानदार प्रस्तुति ‘आनंद नाट्यम’ दी जाएगी। ‘आनंद नाट्यम’ गुरु कनक सुधाकर और उनकी वरिष्ठ शिष्याओं अपराजिता, श्रुतिका, उपासना, प्रहरिणी, सारद्युति, अनन्याश्री, अरुणिमा और गरिमा द्वारा नई दिल्ली में सुनैना समूह द्वारा प्रस्तुत एक समूह भरतनाट्यम प्रदर्शन है जो वसंत ऋतु की खुशी को दर्शाता है।
यह कार्यक्रम प्रतिदिन सायं 7 बजे से शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी रंगमंच पर होगा। इसमें आमजन के लिए निःशुल्क प्रवेश रहेगा। ‘ऋतु वसंत’ उत्सव, संगीत और नृत्य प्रेमियों को भारतीय सांस्कृतिक विरासत का जीवंत अनुभव प्रदान करेगा।
इस सांस्कृतिक उत्सव में भाग लेने वाले कलाकार अपने-अपने क्षेत्र के जाने-माने नाम हैं। पं. राजेन्द्र वैष्णव जोधपुर के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक हैं, जो अपनी गहरी गायकी और उत्कृष्ट आलापचार के लिए पहचाने जाते हैं। पुणे की कथक गुरु शमा भाटे कथक की परंपरा को आधुनिक संदर्भों में प्रस्तुत करने के लिए जानी जाती हैं। गोवा के डॉ. प्रवीण गांवकर शास्त्रीय संगीत में अपनी विशिष्ट शैली के लिए प्रसिद्ध हैं। जयपुर के मो. अमान खान शास्त्रीय गायन की परंपरा को आगे बढ़ाने वाले प्रतिभाशाली कलाकार हैं। दिल्ली की कनक सुधाकर भरतनाट्यम की प्रतिष्ठित नृत्यांगना हैं, जो अपनी भावपूर्ण अभिव्यक्ति और तकनीकी दक्षता के लिए जानी जाती हैं। अमित गंगानी एक कुशल कथक नर्तक हैं, जो अपनी ऊर्जा और ताल पर गहरी पकड़ के लिए प्रसिद्ध हैं।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!