इस अध्यापिका ने बदल दी सरकारी स्कूल की तस्वीर, सुविधाएं कॉन्वेंट स्कूल को भी दे रही मात

सुभाष शर्मा
उदयपुर, 28 दिसम्बर: उदयपुर जिले के मावली कस्बे के पास लदानी का माल का खेड़ा गांव के सरकारी स्कूल ने एक नई मिसाल पेश की है। यह बदलाव संभव हुआ है, अध्यापिका रीना पालीवाल की मेहनत और समर्पण से, जिन्होंने स्कूल को खूबसूरत और आदर्श रूप में बदल दिया।
आमतौर पर सरकारी स्कूलों की छवि जर्जर भवनों, अव्यवस्थित परिसरों और बुनियादी सुविधाओं की कमी से जुड़ी होती है, लेकिन लदानी का माल का खेड़ा गांव का यह स्कूल इस धारणा को पूरी तरह से चुनौती देता है। रीना पालीवाल ने अपनी कला, मेहनत और छुट्टियों के समय का सदुपयोग करते हुए इस स्कूल का कायाकल्प किया।
करीब पांच साल पहले जब रीना पालीवाल की इस स्कूल में पोस्टिंग हुई, तो उन्होंने सबसे पहले स्कूल भवन के अव्यवस्थित रूप को देखा और उसे बदलने का संकल्प लिया। उन्होंने सरकारी भवन की बेरंग दीवारों को रंगने के बजाय, उन्हें प्लास्टिक पेंट से सजाया और उन पर अपने हाथों से आकर्षक फूलों और डिज़ाइनों की पेंटिंग बनाई। इस काम के लिए उन्होंने किसी सरकारी मदद का इंतजार नहीं किया, बल्कि यह कार्य अपने खर्चे पर पूरा किया। रीना पालीवाल का कहना है, “मैंने हमेशा महसूस किया कि जहां काम करें, वहां कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे लोग उसे याद रखें। इस स्कूल को घर जैसा महसूस कराने की कोशिश की, ताकि बच्चों को बेहतर माहौल मिले।”
पौधारोपण से ज्ञान और पर्यावरण का संगम
रीना पालीवाल ने अपने सहयोगी शिक्षक के साथ मिलकर स्कूल परिसर में कांटों की बाड़ लगाकर चारदीवारी बनाई और इसके बाद 450 से अधिक पौधे लगाए और उनकी देखभाल की। इन पौधों ने न केवल परिसर को हरा-भरा किया, बल्कि बच्चों को प्रकृति और शिक्षा का अनोखा संगम भी दिखाया। रीना बताती हैं, “हमने यह सुनिश्चित किया कि पौधे बच्चों के लिए शैक्षिक उपयोगी हों। अब स्कूल का परिसर किसी खूबसूरत बगीचे जैसा दिखता है।”

By Udaipurviews

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