—सलूम्बर विधानसभा उपचुनाव
-राजेश वर्मा
उदयपुर। सलूम्बर विधानसभा उपचुनाव में संघर्ष जोरदार है। यहां त्रिकोणीय मुकाबला है। कोई सीट बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है तो कोई सीट हथियाने के लिए जोर लगा रहा है तो इन दोनों में सैंध मारने का काम कर रहा है।
उपचुनाव में जहां भाजपा ने सहानुभूति लूटने के उद्देश्य से दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी मीणा को मैदान में उतारा है। भाजपा अपनी सीट बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। टिकट काटकर वरिष्ठ नेता नरेंद्र मीणा का गुस्सा भी झेला तो सीएम भजनलाल शर्मा ने जयपुर बुला शांत रहने की मनुहार भी की। खुद से समझौता कर नरेंद्र मीणा मैदान में प्रचार करने तो उतरे हैं लेकिन मन में टिकट कटने का दर्द दबाए हुए हैं। उधर, कांग्रेस पार्टी तीन बार से हार रही इस सीट को हथियाना चाहती है और उसी मकसद से मैदान में दमखम लगा रही है। इसी लक्ष्य से पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा का टिकट काटकर पूर्व सराड़ा प्रधान रेशमा मीणा को टिकट दे उनसे नाराजगी भी ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने यहां डेरा डाले रखा। मनुहार के बाद भी रघुवीर ने सभा में अपने छिपे दर्द को तंज के शब्दों से प्रहार कर जाहिर भी किया। चाय से ज्यादा केटली गर्म होती है….., हम चौड़े बाजार सकड़ा…, कांग्रेस में घुस गया वायरस, सब मिलकर निकालेंगे…जैसे तंज कसे। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में टिकट से वंचित रहे नेताओं से अंदरूनी खलबली कहीं न कहीं वोट प्रतिशत को प्रभावित करेगी। और इसी में सैंध मारने का काम कर रही है भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी)। वह किसी भी तरह से इस मौके को चूकना नहीं चाह रही। बीएपी जनजाति क्षेत्र में अपने पैर जमाते हुए फैला रही है। बिना किसी शोर शराबे के बीएपी सांसद राजकुमार रोत अपनी रणनीति को अमलीजामा पहनाते रहे। बीएपी प्रत्याशी जितेश कटारा भी शांति से पूरे विधानसभा क्षेत्र में समर्थक नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ जुटे रहे। उपचुनाव के प्रचार प्रसार में जुटे कुछ कार्मिकों को सत्ता पार्टी के कोप का शिकार भी होना पड़ा जिसका किसी ने कोई प्रतिकार भी नहीं किया। कुल मिलाकर त्रिकोणीय मुकाबला बड़ा ही रौचक रहेगा। यूं तो चुनाव मैदान में कुल छह प्रत्याशी उतरे हुए हैं। परिणाम जो भी रहे मतदाता बुधवार को तय कर ही लेगा।