भीलवाडा 06 जनवरी। शुक्रवार को कृषि विज्ञान केन्द्र पर नाबार्ड की पी.ओ.डी.एफ.आई. डी. निधि के अन्तर्गत गठित भीलवाड़ा गोटरी प्राईड एफपीओ लिमिटेड़ के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स एवं सी.ई.ओ. हेतु दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण के दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ.सी.एम. यादव ने एफपीओ के गठन एवं कार्यप्रणाली की तकनीकी जानकारी देकर बकरियों की नस्लें जैसे सिरोही, गुजरी, करौली एवं सोजत की उपलब्धता, विशेषताएँ एवं उत्पादकता की जानकारी के साथ बकरियों का आवास, स्वास्थ्य प्रबन्धन एवं बकरियों के दूध के मूल्य संवर्धन के बारे में बताया।
प्र्रशिक्षण के दौरान संयुक्त निदेशक, उद्यान डॉ जी.एल चावला ने कृषक उत्पादक संगठन की जानकारी को अधिक से अधिक किसानों को देकर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया तथा अन्य किसानों को भी इसमें जोड़ने का सुझाव दिया।
डीडीएम नाबार्ड, श्री लोकेश सैनी ने कृषक उत्पादक संगठन एवं नाबार्ड द्वारा एफपीओ के प्रमुख स्तरों से किसानों की आमदनी बढ़ाने के उपयोगी टिप्स दिए। अग्रणी बैंक अधिकारी सोराज मीणा ने भीलवाड़ा गोटरी एफपीओ की प्रगति, पंजीकरण एवं बोर्ड ऑफ डायरक्टर्स के कर्तव्यों की जानकारी दी। चार्टर्ड अकाउन्टेट अरूण काबरा ने एफपीओ हेतु लेखा सम्बन्धी, रिकोर्ड संधारण, आयकर रिर्टन एवं बैंक सम्बन्धी जानकारी देकर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स एवं सीईओ को सर्टिफिकेट प्रदान किए।
प्रोफेसर शस्य विज्ञान, डॉ. के.सी. नागर ने एफपीओ के सीईओ, निदेशकों एवं सदस्यों को बेहतर कार्य कर अधिक से अधिक शुद्ध लाभ कमाने का सुझाव दिया। इस दौरान उन्होंने प्राकृतिक खेती को लेकर विस्तृत जानकारी दी तथा अन्तर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 के बारे में बताया।
सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. ओ.पी. पारीक ने उत्पादक समूह के प्रकार, विशेषताओं, गुणवत्ता सुधार के लिए बाजार से जुड़ाव की जानकारी दी। सेवानिवृत्त फार्म मैनेजर महेन्द्र सिंह चुण्ड़ावत ने संगठन में शक्ति के आधार पर एफपीओं को मजबूत करने की सलाह दी।
सहायक कृषि अधिकारी श्री नन्द लाल सेन ने फार्म पर स्थापित सजीव इकाईयों का भ्रमण करवाया। वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता प्रकाश कुमावत ने किसानों की आजीविका को सुरक्षित करने के लिए बकरी पालन व्यवसाय को सर्वश्रेष्ठ बताकर इसे आमदनी दुगुनी करने का जोखिम रहित व्यवसाय बताया। प्रशिक्षण में भगवानपुरा, आलमास, सज्जनपुरा, काशीराम जी की खेड़ी, किशनपुरा एवं सूरजपुरा के 20 एफपीओ सदस्यों ने भाग लेकर प्रशिक्षण प्राप्त किया।