ग्रहण से पूर्व शुभकामना समारोह हुआ।
उदयपुर संस्कार भवन में श्रीमाली समाज के संत शिरोमणि स्वामी हितेश्वरानंद के महाकुंभ में महामंडलेश्वर की उपाधि ग्रहण करने के पूर्व आयोजित शुभकामना समारोह की अध्यक्षता समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष विधु शेखर जी दवे जोधपुर ने की एवम विशिष्ट अतिथि पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र जी दवे शिवगंज और गौरी शंकर जी दवे बीकानेर थे।
इस अवसर पर स्वागत संबोधन देते हुए पूर्व राज्य मंत्री जगदीश राज जी श्रीमाली ने कहा कि हमारे श्रीमाली समाज में जन्म लेने वाले संत शिरोमणि समाज गौरव तपस्वी स्वामी हितेश्वरानंद जी जिनका जन्म मारवाड़ में हुआ, जिनके कर्म क्षेत्र महाराणा प्रताप निवारण स्थल चावंड में आश्रम है, जिनका ननिहाल मारवाड़ और मेवाड़ के मध्य कुंभलगढ़ में है। उन्होंने जीवन में कड़ी तपस्या और साधना के बल पर उनका प्रयाग में महाकुंभ में समस्त अखाड़े के पीठाधीश्वरों की उपस्थिति में महामंडलेश्वर की उपाधि से नवाजा जाएगा। यह हमारे समाज के लिए गौरवशाली दिन होगा, इसलिए हमने आज महाकुंभ में जाने से पूर्व मेवाड़ श्रीमाली समाज द्वारा शुभकामनाएं देने के लिए उपस्थित हुए हैं।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष विधु शेखर जी दवे और महेंद्र जी दवे ने भी अपने विचार व्यक्त कर इस सुंदर आयोजन के लिए जगदीश राज जी श्रीमाली को साधुवाद देते हुए गुरुदेव को शुभकामनाएं दी।इस अवसर पर हितेश्वरानंद जी को मेवाड़ी पगड़ी,ऊपरना एवं शॉल पहनना कर सहयोग राशि भेंट की गई।
इस अवसर पर स्वामी हितेश्वरानंद जी सरस्वती ने कहा कि मैं उस पल का साक्षी बनने जा रहा हूं जो महाकुंभ 144 वर्षो उपरांत आया है और वह घड़ी आई जिसमें माताजी महालक्ष्मी की कृपा से आप सभी समाज बंधुओं की शुभकामनाओं से हजारों संतों की मौजूदगी में मुझे महामंडलेश्वर की उपाधि से नवाजा जाएगा जो मुझे मेवल क्षेत्र का प्रथम महामंडलेश्वर होने का सौभाग्य प्राप्त होगा। मैं कुम्भ में डुबकी लगाने के साथ सभी मेवाड़ वासियों के कल्याण के लिए कामना करूँगा। जगदीश राज जी श्रीमाली ने मेरा इतना मान सम्मान कर आप सभी से मिलने का शुभ अवसर दिया उसके लिए मैं उनके परिवार और उपस्थित जनों को आशीर्वाद देता हूँ।
इस अवसर पर स्वागत संबोधन देते हुए पूर्व राज्य मंत्री जगदीश राज जी श्रीमाली ने कहा कि हमारे श्रीमाली समाज में जन्म लेने वाले संत शिरोमणि समाज गौरव तपस्वी स्वामी हितेश्वरानंद जी जिनका जन्म मारवाड़ में हुआ, जिनके कर्म क्षेत्र महाराणा प्रताप निवारण स्थल चावंड में आश्रम है, जिनका ननिहाल मारवाड़ और मेवाड़ के मध्य कुंभलगढ़ में है। उन्होंने जीवन में कड़ी तपस्या और साधना के बल पर उनका प्रयाग में महाकुंभ में समस्त अखाड़े के पीठाधीश्वरों की उपस्थिति में महामंडलेश्वर की उपाधि से नवाजा जाएगा। यह हमारे समाज के लिए गौरवशाली दिन होगा, इसलिए हमने आज महाकुंभ में जाने से पूर्व मेवाड़ श्रीमाली समाज द्वारा शुभकामनाएं देने के लिए उपस्थित हुए हैं।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष विधु शेखर जी दवे और महेंद्र जी दवे ने भी अपने विचार व्यक्त कर इस सुंदर आयोजन के लिए जगदीश राज जी श्रीमाली को साधुवाद देते हुए गुरुदेव को शुभकामनाएं दी।इस अवसर पर हितेश्वरानंद जी को मेवाड़ी पगड़ी,ऊपरना एवं शॉल पहनना कर सहयोग राशि भेंट की गई।
इस अवसर पर स्वामी हितेश्वरानंद जी सरस्वती ने कहा कि मैं उस पल का साक्षी बनने जा रहा हूं जो महाकुंभ 144 वर्षो उपरांत आया है और वह घड़ी आई जिसमें माताजी महालक्ष्मी की कृपा से आप सभी समाज बंधुओं की शुभकामनाओं से हजारों संतों की मौजूदगी में मुझे महामंडलेश्वर की उपाधि से नवाजा जाएगा जो मुझे मेवल क्षेत्र का प्रथम महामंडलेश्वर होने का सौभाग्य प्राप्त होगा। मैं कुम्भ में डुबकी लगाने के साथ सभी मेवाड़ वासियों के कल्याण के लिए कामना करूँगा। जगदीश राज जी श्रीमाली ने मेरा इतना मान सम्मान कर आप सभी से मिलने का शुभ अवसर दिया उसके लिए मैं उनके परिवार और उपस्थित जनों को आशीर्वाद देता हूँ।