उदयपुर, 23 जुलाई वित् मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने रिकॉर्ड सातवे बजट प्रस्तुत करते हुए देश को विकासशील से विकसित देश बनाने के लिए बजट में कृषि में उत्पादकता और लचीलापन, रोजगार और कौशल, समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण एवं सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, इंफ्रा, नवाचार, अनुसंधान एवं विकास, अगली पीढ़ी के सुधार के शेत्र में कई योजनाओ की घोषणा की है , जो स्वागत योग्य है। यह विचार वरिष्ठ सी.ए. निर्मल सिंघवी ने बजट पर व्यक्त किये ।
साथ ही सिंघवी ने बताया की राजकोषीय घाटा GDP का 4.9% रहने का अनुमान जताया है जो की अंतरिम बजट में वित्तीय घाटे का 5.1% रखा गया था, जो एक स्वागत योग्य कदम है। परन्तु बजट में मध्यम वर्ग को महँगाई से राहत की उम्मीदे अधूरी रह गई।
आयकर में बुनियादी छूट सीमा में कई वर्षो से बदलाव ना करके मध्यम वर्ग की आशाओ को धूमिल किया है ,वही देश के विकास में भागीदारी रखने वाले निवेशको पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर 10% से 12.50% प्रतिशत करने एवं अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर 15% से 20% करके अतिरिक्त टैक्स का प्रावधान का प्रस्ताव कर उनकी आशाओ पर आघात किया है एवं शेयर बाजार निवेशको को झटका लगा है ।
साथ ही सिंघवी ने बताया की स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया है तथा नई कर व्यवस्था के तहत कर ढांचे में बदलाव से इनकम टैक्स में 17,500 रुपये तक की बचत होगी एवं भारतीय स्टार्टअप इको सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए निवेशकों की सभी कैटेगरी के लिए एंजल टैक्स खत्म किया गया, जो स्वागत योग्य है।
साथ ही सिंघवी ने बताया की अप्रत्यक्ष कर में मोबाइल फोन और मोबाइल पीसीबीएस और मोबाइल चार्जर पर मूल कस्टम ड्यूटी को 15% तक कम करने एवं सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी को घटाकर 6% और प्लैटिनम पर 6.5% करने का प्रस्ताव किया गया है, जो स्वागत योग्य है।
साथ ही सिंघवी ने बताया की 5 सालों में 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार का प्रस्ताव किया है एवं बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय के लिए 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित करने का प्रस्ताव हैं एवं “ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों” के तरुण श्रेणी के तहत लिए गए ऋण को पूर्व मे सफलतापूर्वक चुकाया है उन ऋणों की सीमा 10 लाख से 20 लाख करने का प्रस्ताव हैं, जो स्वागत योग्य है।
कुल मिलाकर यह बजट मिलाजुला बजट है , परन्तु जो आशाए मध्यम वर्ग इस बजट से लगाये हुए था उन्हें पूरा करने में बजट सक्षम नहीं हो सका है और प्रत्यक्ष कर में अपेक्षित राहत नहीं प्रदान की गई।