टीएडी में छह महीने से महिला उपजिला शिक्षा अधिकारी का पद खाली, मंगलवार की सुबह हॉस्टल के बाहर फिर दिखे मनचले, कोचिंग जा रही छात्रा किया पीछा – विधायक घोगरा ने हॉस्टल के बाहर दी धरने की चेतावनी

डूंगरपुर, 27 अगस्त । डूंगरपुर के जनजाति छात्रावासों में सुरक्षा की गंभीर चूक से छात्राओं की सुरक्षा खतरे में है। वार्डन की अनुपस्थिति और महिला उपजिला शिक्षा अधिकारी के पद के पिछले छह महीने से खाली होने के कारण समाज विरोधी तत्व और मनचले हॉस्टलों के आसपास सक्रिय हो गए हैं। सोमवार रात पुलिस लाइन के पास स्थित तीन गर्ल्स हॉस्टलों में मनचलों के गैंग ने घुसकर अश्लील हरकतें कीं और छेड़छाड़ की। पुलिस और प्रशासन की सुस्ती 24 घंटे बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। पुलिस  आरोपियों की तलाश में जुटी है। मंगलवार की सुबह फिर से मनचले हॉस्टल के बाहर दिखाई दिए और कोचिंग जा रही लड़कियों का पीछा किया। इस घटना ने टीएडी (जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग) की गंभीर लापरवाही को उजागर किया है। वार्डन और गार्ड की गैर-मौजूदगी के कारण दो हॉस्टलों में मनचलों ने जमकर उत्पात मचाया। परेशान छात्राओं ने सोमवार को एसडीएम और कलेक्टर को अपनी पीड़ा सुनाई, जिसके बाद प्रशासन ने हॉस्टल वार्डन और कोच को कार्य मुक्त कर उदयपुर भेजा।

हॉस्टल में रात नहीं रुकने पर विधायक ने वार्डन को लगाई फटकार 

मंगलवार सुबह डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा गर्ल्स हॉस्टल पहुंचे और छात्राओं से बातचीत की। छात्राओं ने उन्हें बताया कि वार्डन रात में हॉस्टल में नहीं रहतीं, जिससे मनचले बेखौफ होकर हॉस्टल के आसपास घूमते हैं। विधायक ने वार्डन शारदा बड़जोड़ को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि छात्राओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी है। उन्होंने हॉस्टल के पास स्थित खंडहर को गिराने और सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश दिए।विधायक घोघरा ने इस घटना को प्रशासन और विभाग की बड़ी लापरवाही बताया और सरकार पर बेटियों की सुरक्षा में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो वे हॉस्टल के बाहर धरना देंगे।

जनजाति विभाग में मॉनिटरिंग पर उठ रहे है सवाल

जनजाति विभाग के मॉनिटरिंग सिस्टम पर भी सवाल उठ रहे हैं। अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के बच्चों को बेहतर शिक्षा और आवास प्रदान करने के लिए टीएडी 100 से अधिक हॉस्टल का संचालन करता है। जिला मुख्यालय पर प्रधानाचार्य स्तर के उपजिला शिक्षा अधिकारी के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से एक पद महिला के लिए आरक्षित है, लेकिन यह पद पिछले छह महीने से खाली है। इस लापरवाही के चलते हॉस्टलों की मॉनिटरिंग पर गंभीर प्रश्न खड़े हो रहे हैं।

वर्जन – महिला उपजिला शिक्षा अधिकारी का पद खाली है। इसको लेकर विभाग को अगवत करवाया गया। हॉस्टल वार्डन की बैठक कर सभी पाबंद भी किया गया और इस तरह कोई घटना होने पर तुरंत प्रशासन को सूचना देने के निर्देश दिए है।

By Udaipurviews

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