उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी से होटल फेडरेशन ऑफ राजस्थान के प्रतिनिधि मंडल ने राज्य के पर्यटन विकास को लेकर भेंट कर चर्चा की

उदयपुर। होटल फेडरेशन ऑफ़ राजस्थान के अध्यक्ष हुसैन खान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल द्वारा राजस्थान में पर्यटन के लिए आवंटित मजबूत बजट के लिए उपमुख्यमंत्री, वित्त मंत्री एवं पर्यटन मंत्री दिया कुमारी को पुष्प गुच्छ देकर बधाई दी एवं राज्य में पर्यटन के विकास पर पत्र देकर चर्चा भी की साथ ही पर्यटन व्यवसाय को राहत देने के लिए कुछ सुझाव भी दिए। पर्यटन इकाई स्थापना के लिए राजस्थान के प्रत्येक पर्यटन स्थल पर सरकारी भूमि चिन्हित करके डीएलसी रेट की 25% रेट पर जमीन आवंटन की प्रक्रिया एवं नियम बनाना तथा निःशुल्क पट्टा तथा परमिशन,लेण्ड यूज चेन्ज तथा सड़क की चौडाई 30 फुट पर अनुमति करना।
पर्यटन ईकाई निर्माण पर श्रमिक विभाग द्वारा लिया जाने वाला एक प्रतिशत सेस को पूरी तरह समाप्त करना तथा चल रहे पुराने प्रकरणों को छूट प्रदान करना। पर्यटन इकाइयों पर फायर सेस समाप्त करना तथा अनुमति शुल्क समाप्त करते हुए फायर की NOC पाँच या दस साल के लिए देना तथा जीरो से 15 मीटर की ऊचाई तक के भवनों में शिथिलता देते हुए पूर्व की तरह 3100/- रु. शुल्क पर Fire NOC जारी करना, फायर NOC देते समय अन्य NOC की बाध्यता समाप्त करना, 3 से 9 मीटर के बीच की ऊंचाई वाली पर्यटन इकाइयों को निः शुल्क NOC देना, निर्मित के अलावा खुले भूखण्ड पर किसी तरह का कोई शुल्क वसूल न करना।
ग्रामीण क्षेत्र में स्थित पर्यटन इकाइयों पर किसी भी प्रकार का कोई यूडी टेक्स लागू नहीं है।अत: शहरी क्षेत्रों में स्थित पर्यटन इकाइयो को भी यूडी टेक्स से मुक्त रखना। शहरी क्षेत्र में चल रहे पुराने यूडी टेक्स वसूली के प्रकरणो में पर्यटन इकाइ‌यों को शिथिलता देते हुए बकाया में ब्याज तथा पेनल्टी में शत् प्रतिशत की छूट देते हुए बकाया यूडी टेक्स का 10% प्रतिशत जमा कर प्रकरणों को समाप्त करना।
यूडी. टेक्स की सम्पूर्ण राजस्थान में पर्यटन इकाईयो की समान रेट लागू करते हुए निर्मित भवन का 1/- रु. प्रति वर्ग मीटर तथा खुले क्षेत्र को निः शुल्क किया जाना।
RIPS में दिये जाने वाले अनुदान को बढ़ाना तथा पर्यटन इकाईयों के लिए विशेष पैकेज देना। MLUPY स्कीम में पर्यटन इकाईयो को पृथक से बजट आवंटन करके पर्यटन इकाई निर्माता द्वारा लिये जाने वाले ऋण पर सभी श्रेणी के लोगों के लिए टोटल खर्च का 25% अनुदान तथा ब्याज दर पर 7% का अनुदान सरकार द्वारा देना।
सम्पूर्ण राजस्थान राज्य को डेस्टिनेशन वेडिंग का हब मानते हुए शादी करने के लिए आने वालों को GST में शत् प्रतिशत छूट देना।
नवीन पर्यटन इकाइयों को पाँच वर्ष तक UD टेक्स, खाद्य लाइसेन्स, निर्माण सेस में 100 प्रतिशत छूट प्रदान करने का भी अनुरोध किया।
पत्र में बताया कि राजस्थान आने वाले कई पर्यटकों को आधिकारिक पर्यटन वेबसाइट के साथ महत्वपूर्ण कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।पृष्ठ अक्सर लोड होने में विफल रहता है, जिससे आगंतुकों को हमारे राज्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाती है। इसके अलावा, वेबसाइट में राजस्थान के बारे में व्यापक विवरण का अभाव है, जिससे पर्यटकों के लिए अपनी यात्राओं की प्रभावी ढंग से योजना बनाना बड़ा चुनौतीपूर्ण हो गया है। सबसे बड़ी चिंता एक सुव्यवस्थित, उपयोगकर्ता-अनुकूल मंच के माध्यम से विभिन्न अभयारण्यों के लिए टिकट और सफारी बुक करने में असमर्थता है। एक शीर्ष पर्यटन स्थल होने के बावजूद, हमने अभी तक एक वन-स्टॉप शॉप नहीं बनाई है जो पर्यटकों के लिए यात्रा, सूचना पहुंच और बुकिंग की सुविधा प्रदान करती हो।
होटल, मोटल, रिसॉर्ट और कृषि इकाइयों सहित नई पर्यटन इकाइयों की स्थापना के लिए पर्यटन विभाग से मंजूरी प्राप्त करने में काफी देरी होती है। ₹2500 करोड़ से अधिक की परियोजनाएं वर्तमान में मंजूरी का इंतजार कर रही हैं, जिससे क्षेत्र में विकास और प्रगति में काफी बाधा आ रही है।
इसके अतिरिक्त, कई वर्षों से आवासीय क्षेत्रों में संचालित हाउस होटल और गेस्ट हाउस का नियमितीकरण 2007 से लंबित है इकाई पर्यटन नीति में उल्लेखित होने के बावजूद, इस मुद्दे को अभी तक हल नहीं किया जा सका है, जिससे इन प्रतिष्ठानों के लिए अनिश्चितता और परिचालन संबंधी चुनौतियाँ पैदा हो रही हैं। साथ ही यह जानकर निराशा हुई कि हमने 2015 के बाद से कोई नई पर्यटन नीति पेश नहीं की है वर्तमान नीति को बिना किसी महत्वपूर्ण अद्यतन या सुधार के केवल बार-बार बढ़ाया गया है।
उद्योग की उभरती जरूरतों को पूरा करने और राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए एक आधुनिक और गतिशील पर्यटन नीति आवश्यक है।
साथ ही बताया कि होटल फेडरेशन आफ राजस्थान द्वारा राज्य के पर्यटन विकास के लिए कार्य किया जा रहा है, जिसमें पूरा राजस्थान पर्यटन कॉरिडोर के नाम से जाना जा सके। इसकी संपूर्ण संभावना राज्य में है, क्योंकि राजस्थान मे देश भर में सबसे ज्यादा रमणीक पुरातत्व एडवेंचर एवं पर्यटक स्थल मौजूद हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर रहती है। अगर सरकारी स्तर पर इसको प्रोत्साहन मिलता है तो निश्चित ही देश के पर्यटन स्थलों में नंबर वन की स्थिति हम बना सकते हैं। फेडरेशन द्वारा इसके लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे है।
जिस पर राज्य की उपमुख्यमंत्री एवं पर्यटन मंत्री दिया कुमारी ने सभी होटल रिसोर्ट एवं पर्यटन व्यवसाइयों को आश्वस्त किया कि राजस्थान सरकार राज्य के पर्यटन विकास के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है। इसके लिए बजट में पर्यटन कल्याण बोर्ड की स्थापना, नई पर्यटन नीति बनाने एवं 5000 करोड रुपए का बजट राज्य के पर्यटन एवं पर्यटन के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए घोषित किया गया है। जिसे अमल में लाकर राज्य में पर्यटन विकास को नई गति प्रदान की जाएगी। उन्होंने पर्यटन के क्षेत्र में आने वाले सभी अवरोधों को तुरंत प्रभाव से निस्तारण करने की बात कही।
इस अवसर होटल फेडरेशन ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष हुसैन खान, सरक्षंक सुरेंद्र सिंह शाहपुरा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रणविजय सिंह, सचिव शैलेश प्रधान, कोटा संभाग अध्यक्ष अशोक महेश्वरी, उदयपुर संभाग अध्यक्ष राकेश चौधरी, कार्यकारिणी सदस्य अंबालाल साहू सहित सदस्य उपस्थित थे।
By Udaipurviews

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