उदयपुर। सार्वजनिक प्रन्यास मंदिर श्री महाकालेश्वर रानी रोड़ उदयपुर पर मंदिर प्रबंधन समिति व सर्व समाजों की अति आवश्यक बैठक संरक्षक बालुसिंह कानावत व प्रन्यास अध्यक्ष श्री तेजसिंह सरूपरिया की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
बैठक में विगत लम्बे समय से आसाराम बापू की शिष्या आभा आमेटा व उसके सहयोगियों द्वारा सुनियोजित ढंग से मंदिर परिसर में तोड-फोड कर प्रन्यास द्वारा स्थापित मंदिर की व्यवस्थाओं को भंग कर मंदिर की पवित्रता को अपवित्र करके जनभावना, धार्मिक उन्माद फैलाने का प्रयास करते हुए सोश्यल मीडिया पर गलत दुष्प्रचार किया जा रहा है।
बैठक में अध्यक्ष तेजसिंह सरूपरिया ने सर्व समाज के प्रतिनिधियों के सम्मुख घटना क्रम को अवगत कराते हुए बताया कि आभा आमेटा व उसके सहयोगियों द्वारा प्रन्यास द्वारा मंदिर में आमजन व भक्तों के लिये स्थापित व्यवस्थाओं की लम्बे समय से भंग करते हुए मंदिर में तोड फौड कर मंदिर कर्मचारियों के साथ मारपीट, हाथापाई करते हुए जल चढ़ाने के बहाने निज मंदिर में मंदिर पाट, दान पेटी व नन्दी महाराज पर पांव रखकर निज मंदिर में प्रवेश कर मंदिर की पवित्रता भंग की तथा बाद में अपने सहयोगियों के साथ मिलकर निज मंदिर का दरवाजा क्षतिग्रस्त किया। दिनांक 1.5.2024 को अपने सहयोगियों में साथ मिलकर लोहे की आरी से निज मंदिर में चांदी की दान पेटी के पास लगे दरवाजे को काटा जिसकी सीसीटीवी फुटेज मंदिर के सीसीटीवी कैमरे में दर्ज है। इस संबंध में अम्बामाता थाने पर सूचना देकर सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराये गये, किन्तु थाना अम्बामाता द्वारा आभा आमेटा को गिरफ्तार नहीं किया गया।
इस संबंध में प्रन्यास के पास आमजन शिवभक्तांे व दर्शनार्थियों ने शिकायत दर्ज करा कर भारी रोष आक्रोश प्रकट कर मंदिर में तोड़-फोड़ करने व निज मंदिर की पवित्रता को भंग करने पर आभा आमेटा व उसके सहयोगियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही कर एफआईआर कराने व कानूनी कार्यवाही करने के संबंध में एक प्रार्थना पत्र श्रीमान् अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को दिया। जिसकी एक छाया प्रति प्रन्यास को भी दी गई।
संरक्षक बालुसिंह कानावत ने बताया कि उक्त महिला आभा आमेटा द्वारा विगत लम्बे समय से मंदिर की सनातनी व्यवस्थाओं को आसाराम बापू के सहयोगियों के सात मिलकर भंग किया जा रहा है। जिस पर आम भक्तों द्वारा दिनांक 31.12.2021 को उक्त महिला के विरूद्ध थाना अम्बामाता मंदिर में एफआईआर दर्ज कराई। यह महिला पूर्व मंदिर के सेवादारों, कर्मचारियों व भक्तो ंके साथ हाथापाई, मारपीट कर चुकी है तथा असामाजिक तत्वों व भूमाफियाओं के साथ मिलकर मंदिर में अशान्ति, आदतन कर रही है। उक्त के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही अतिआवश्यक है।
मंदिर प्रशासक श्रीमती दीक्षा भार्गव ने बताया कि उक्त महिला शिवधाम विकास योजनाओं में दखल कर मंदिर में आसाराम बापू की आराधना पूजा करना चाहती है।
सर्व समाजों द्वारा उपरोक्त महिला के कार्यों को सनातन धर्म के विरूद्ध बताकर उसके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करने तथा प्रन्यास द्वारा एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। जिसमें राजपूत समाज, ब्राह्मण समाज, खटीक समाज, अग्रवाल समाज, दाधीच समाज, सोनी समाज, गुजराती समाज, राव समाज, आदिवासी समाज, धार्मिक संगठन के प्रतिनिध, अक्षपात सेवा समिति, पालीवाल समाज, मेनारिया समाज, गुर्जर गोड़ समाज, आदिगौड समाज, शाकद्वीपिय समाज, मेघवाल समाज, यादव समाज, सुथार समाज, खटीक समाज, नागदा समाज सहित विभिन्न समाजनों के प्रतिनिधियों ने उक्त महिला द्वारा शिवधाम सिद्धपीठ स्वयं-भू शिवलिंग की पवित्रता भंग करने पर त्रीर्व भत्र्सना व निन्दा कर प्रशासन व पुलिस अधीक्षक द्वारा कार्यवाही की अविलम्ब मांग की।
आज की बैठक में रमाकान्त अजारिया, महिम दशोरा, ओम सोनी, भूपेन्द्र पालीवाल, एडवोकेट सुन्दरलाल माण्डावत, तेजशंकर पालीवाल, श्रीमती दीक्षा भार्गव, विनोद कुमार शर्मा, केजी पालीवाल, रमेश राजपूत, दु्रपद सिंह चैहान, राजू सोनी, गिरिराज सोनी, दिनेश मेहता, देवकिशन राव, पन्नालाल कटारिया, शेषमल सोनी, लोकेश मेहता, इन्दु शेखर व्यास, सुधीन्द्र जोशी, प्रेम सिंह पंवार, जितेन्द्र जोशी, भंवरलाल पालीवाल, रमेश सोनी, चतुर्भुज आमेटा, त्रिलोक पालीवाल, रमेश सोनी आदि उपस्थित थे।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया किया कि इस प्रकार की घटना का पुनर्रावृति को रोकने व भविष्य में ऐसा दोबार न हो उसके लिये एक प्रतिनिधि मण्डल उच्च स्तर पर जानकारी देने व राज्य सरकार का अवगत कराने जयपुर जायेगा।
आज की बैठक में सचिव चन्द्रशेखर दाधीच ने बताया कि अक्षय तृतीया मंदिर पंरपरा के अनुरूप मनायी जाने का निर्णय लिया जिसमें हर वर्ष की भांति निज मंदिर पर ध्वजा धराई जाएगी। विशेष पूजा अर्चना की जाएगी।