उदयपुर, 1 जनवरी। वर्तमान में राज्य में चल रही शीतलहर एवं मौसम विभाग की चेतावनी के दृष्टिगत राज्य में फसलों को पाले के प्रकोप से बचाव के लिए कृषि आयुक्तालय से कृषकों के लिए उपयोगी व महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई है।
इस संबंध में अतिरिक्त निदेशक (कृषि) अनुसंधान एच.एस.मीणा ने समस्त खण्ड के अतिरिक्त निदेशक व समस्त जिला परिषद के संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार को पत्र लिखकर किसानों को इन उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित करने हेतु कहा है। इन उपायों में कृषकों को बताया है कि जब पाला पडने की संभावना हो तब खेत में सिंचाई करनी चाहिये। नमीयुक्त जमीन में काफी देरी तक गर्मी रहती है तथा भूमि का तापक्रम एकदम कम नहीं होता है। इस प्रकार पर्याप्त नमी होने पर शीतलहर व पाले से नुकसान की संभावना कम रहती है। वैज्ञानिकों के अनुसार सर्दी में फसल में सिंचाई करने से 0.5 डिग्री से 2 डिग्री सेल्शियस तक तापमान बढ़ जाता है। जिन दिनों पाला पडने की संभावना हो उन दिनों फसलों पर घुलनशील गन्धक 0.2 प्रतिशत अथवा गंधक का तेजाब 0.1 प्रतिशत की दर से 1000 लीटर प्रति हैक्टयर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करना चाहिये। ध्यान रखें कि पौधों पर घोल की फुहार अच्छी तरह लगे। छिड़काव का असर दो सप्ताह तक रहता है। यदि इस अवधि के बाद भी शीत लहर व पाले की संभावना बनी रहे तो छिडकाव को 15-15 दिन के अन्तर से दोहराते रहें।
कृषकों को बताया गया कि सरसों, गेहूँ, चना, आलू, मटर जैसी फसलों को पाले से बचाने में गन्धक तेजाब 0.1 प्रतिशत का छिड़काव करने से न केवल पाले से बचाव होता है, बल्कि पौधों में लौह तत्व की जैविक एवं रासायनिक सक्रियता बढ़ जाती है जो पौधों में रोग रोधिता बढ़ाने में एवं फसल को जल्दी पकाने में सहायक होती है। जिस रात पाला पड़ने की संभावना हो उस रात 12 से 2 बजे के आस-पास खेतों की उत्तरी पश्चिमी दिशा से आने वाली ठण्डी हवा की दिशा में खेतों के किनारे, पर बोई हुई फसल के आस-पास मेड़ों पर कूडा कचरा या अन्य व्यर्थ घास फूस जलाकर धुआं करे, इससे 4 डिग्री सेल्शियस तापक्रम आसानी से बढ़ाया जा सकता है।
पौधशालाओं के पौधों एवं सीमित क्षेत्र वाले उद्यानों / नकदी सब्जी वाली फसलों में भूमि के ताप को कम न होने देने हेतु फसलों को टाट, पोॅलिथिन अथवा भूसे से ढक देवें। वायुरोधी टाटियां, हवा आने वाली दिशा की तरफ यानि उत्तर पश्चिम की तरफ बांधे। नर्सरी, किचन गार्डन में उत्तर-पश्चिम की तरफ टाटियां बांधकर क्यारियों के किनारों पर रात्रि में लगाये तथा दिन में पुनः हटायें। दीर्घकालीन उपाय के रूप में फसलों को बचाने के लिये खेत की उत्तरी-पश्चिमी मेड़ों पर तथा बीच-बीच में उचित स्थानों पर वायु अवरोधक पेड़ जैसे शहतूत, शीशम, बबूल, खेजडी, अरडू एवं जामुन आदि लगा दिये जाये, तो पाले और ठण्डी हवा के झौंकों से फसल का बचावा जा सकता है।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के संबंध में बैठक 2 को
उदयपुर, 1 जनवरी। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह का सफल आयोजन के संबंध में आवश्यक बैठक गुरुवार 2 जनवरी को सुबह 11 बजे जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट कार्यालय के मिनी सभागार में आयोजित होगी। प्रादेशिक परिवहन अधिकारी नेमीचंद पारीक ने बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार से प्राप्त निर्देशों के अनुसार 31 जनवरी तक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह का आयोजन “परवाह (केयर)“ थीम पर किया जाना है। इस संबंध में आयोजित इस बैठक में जिला स्तर पर विभिन्न हितधारक विभागों द्वारा विभिन्न कार्य-गतिविधियां आयोजित करने हेतु चर्चा की जाएगी।
विद्या संबल योजना
टीएडी के विद्यालय स्तरीय छात्रावासों में अनुभवी विशेषज्ञ देंगे कोचिंग
उदयपुर, 1 जनवरी। जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा संचालित विद्यालय स्तरीय छात्रावासों में विद्या संबल योजना के तहत गणित, विज्ञान एवं अंग्रेजी विषयों की कोचिंग अनुभवी विशेषज्ञ व्यक्तियों को गेस्ट फैकल्टी के रुप में कराई जाएगी। विभाग के अतिरिक्त आयुक्त गीतेश श्री मालवीय ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 में विभागीय छात्रावासों में विद्या संबल योजनान्तर्गत गेस्ट फैकल्टी प्रक्रिया 12 जनवरी से प्रारम्भ की जानी है। इसके लिए प्रति छात्रावास राशि 75000 रुपये बजट का प्रावधान है। विभागीय निर्देशानुसार आवंटित राशि से अधिक का व्यय नही किया जाए और आवंटित राशि का उपयोग 31 मार्च 2025 से पूर्व किया जाना सुनिश्चित करें। मावलीय ने बताया कि कक्षा 9 व 10 के लिए अधिकतम 350 रुपये प्रति घण्टा तथा कक्षा 11 व 12 के लिए अधिकतम 400 रुपये प्रति घण्टा भुगतान किया जा सकेगा एवं रविवार के अवकाश में कोचिंग मानदेय देय नहीं है। प्रत्येक छात्रावास में कोचिंग का समय सायंकाल 5.30 बजे से 7.30 बजे तक रखा जावे। प्रत्येक छात्रावास की कोचिंग की फोटो प्रतिदिन हॉस्टल के व्हाट्सएप्प ग्रुप पर डाला जाना सुनिश्चित किया जावे।