सांसद मन्नालाल रावत के प्रश्न पर जनजाति कार्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी
-17 मंत्रालयों को जनजाति क्षेत्र और लोगों के विकास के लिए दी गई योजनावार जिम्मेदारी
उदयपुर, 13 सिसंबर। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत केंद्र सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों और लोगों के विकास व संवर्धन के लिए विभिन्न मंत्रालयों और योजनाओं के माध्यम से 76 हजार 156 करोड रुपए खर्च करने की योजना बनाई है। इसके तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा पीएमएवाई, ग्रामीण योजना के तहत 20 लाख पक्के मकान बनाने तथा पीएमजीएसवाई के तहत 25 हजार किलोमीटर संपर्क सडकों का निर्माण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
जनजाति कार्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को संसद में उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत के अतारांकित प्रश्न पर यह जवाब दिया गया।
सांसद रावत ने संसद में यह प्रश्न रखा था कि क्या सरकार ने जनजातीय वर्ग के उत्थान के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीएजेजीयूए) शुरु किया है और यदि हां तो इस संबंध में पूरा ब्यौरा क्या है। इस अभियान के तहत राज्य-वार कितनी धनराशि आवंटित की गई है तथा सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के माध्यम से निकट भविष्य में उक्त अभियान के तहत किए जाने वाले संभावित कार्यों का मंत्रालय वार ब्यौरा क्या है?
सांसद रावत के प्रश्न पर जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उड्के की ओर से बताया गया कि प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर, 2024 को धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ किया। अभियान में 17 संबंधित मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित 25 उपाय शामिल हैं और इसका उद्देश्य 5 वर्षों में 63,843 गांवों में बुनियादी ढांचे के अंतरों को भरना, स्वास्थ्य, शिक्षा, आंगनवाड़ी सुविधाओं तक पहुंच में सुधार करना और 30 राज्यों व संघ राज्य क्षेत्रों के 549 जिलों और 2,911 ब्लॉक में 5 करोड़ से अधिक जनजातियों को लाभान्वित करते हुए आजीविका के अवसर प्रदान करना है।
प्रत्येक मंत्रालय को अभियान के तहत बजट और लक्ष्य आवंटित किए गए हैं और वह सौंपे गए उपाय को लागू करने के लिए जिम्मेदार है। अभियान का कुल बजट 79,156 करोड़ रुपये है। इसमें से 256.333 करोड केंद्रीय हिस्सा और 222,823 करोड़ रुपए राज्य का हिस्सा है। इस योजना में 17 मंत्रालयों को विभिन्न योजनाओं के तहत अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है।
इस योजना के तहत जल शक्ति मंत्रालय को जल आपूर्ति जल जीवन मिशन (जेजेएम) योजना के तहत हर पात्र गांव को शामिल करने तथा पांच हजार बस्तियों को लाभान्वित करने, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को 2 हजार नए आंगनवाडी केंद्र बनाने तथा 6 हजार का सक्षम एडब्ल्यूसी में क्रमोन्नत करने, शिक्षा मंत्रालय को एक हजार नए छात्रावाए बनाने, दूरसंचार विभाग को पांच हजार गांवों में 4जी अथवा 5जी सुविधा उपलब्ध करवाने, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय को जनजाति जिलों में कौशल केंद्र स्थापित करने व एक हजार वीवीडीके जनजाति समूह बनाने, पर्यटन मंत्रालय को 1000 जनजातीय गृहप्रवासों के लिए 5 लाख प्रति इकाई (नए निमार्ण के लिए) तथा 3 लाख रुपये (नवीनीकरण) के लिए और ग्राम समुदाय की आवश्यकता के लिए 5 लाख रुपए तक की सहायत उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी दी गई है।