पांच लाख लेकर मूल अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने जाता था किशनाराम, हुलिया भी बदल लेता था

आठ बार परीक्षा दे चुका, पहली बार उदयपुर आया तो पकड़ा गया
उदयपुर। टीचर भर्ती परीक्षा में मूल अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देते हुए गिरफ्तार किशनाराम को लेकर पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उसने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह पांच लाख रुपए लेकर फर्जी कैंडीडेट बनता और उसी के अनुसार अपना मेकअप तैयार करता और पेपर देने जाता रहा। इससे पहले वह आठ अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा दे चुका था लेकिन कभी पकड़ में नहीं आया। पहली बार जब वह उदयपुर परीक्षा देने आया तो यहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। उससे यह भी खुलासा हुआ है कि वह हर अभ्यर्थी से उसकी जगह परीक्षा देने के एवज में पांच लाख रुपए लिया करता था।
मामले के जांच अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंद्रशील ठाकुर ने रविवार को खुलासा करते हुए बताया कि जालौर निवासी किशनाराम टीचर भर्ती परीक्षा से पहले पटवारी, कनिष्ठ लिपिक के अलावा कम्प्यूटर टीचर भर्ती परीक्षा दे चुका था। किन्तु जब उदयपुर में 26 फरवरी को ग्रेड थर्ड टीचर भर्ती के दौरान पकड़ा गया।
मूल अभ्यर्थी जैसा हुलिया बनाकर देने जाता था परीक्षा
आरेापी किशनाराम को लेकर पुलिस ने खुलासा किया है कि वह मूल अभ्यर्थी जैसा हुलिया बनाकर उसकी जगह परीक्षा देने जाता था। इसके लिए वह कई दिन पहले से उसके चेहरे—मोहरे की तरह मेकअप की तैयारी करता था। दाढ़ी और सिर के बाल भी उसी तरह ही बना लेता था। ताकि सेंटर पर मूल अभ्र्यर्थी के आधार कार्ड से खुद का फोटो कुछ हद तक मिलान हो सके।
श्रवण विश्नोई के जरिए करता था ऐसा काम
किशनाराम से हुई पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि बाड़मेर का श्रवण विश्नोई उसके लिए ऐसे अभ्यर्थी तलाशता था जो उससे पेपर कराने के लिए सौदेबाजी करते थे। 26 फरवरी को हुई ग्रेड थर्ड टीचर भर्ती परीक्षा में भी श्रवण विश्नोई ने उसे उदयपुर जिले के झाड़ोल मूल के संजय पारगी की जगह परीक्षा देने भेजा था। जिसके बाद पुलिस ने बाड़मेर से श्रवण विश्नोई को भी गिरफ्तार कर लिया था।

By Udaipurviews

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