
परिस्थिति कैसी भी हो, यश मिले या अपयश मिले, आदर मिले या अनादर तब भी हम समभाव रखें : आचार्य विजयराज
उदयपुर, 14 अक्टूबर। केशवनगर स्थित अरिहंत वाटिका में आत्मोदय वर्षावास में सोमवार को धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए हुक्मगच्छाधिपति आचार्य श्री विजयराज जी म.सा. ने कहा कि जीवन में सुख पाने के चार सूत्र हैं-संग्रह में सुख नहीं, दान देते रहें तो सुख मिलेगा, सेवा करें, सुख की अनुभूति होगी, सर्वत्र समन्वय रखें, संघर्ष नहीं करें एवं समभाव रखें तो सुख मिलेगा। धनवान होना बुरा नहीं है, उस पर पकड़ व आसक्ति बुरी है, उसे छोड़ें। जब भी सेवा का अवसर मिले, अवश्य करें। सबके साथ समन्वय का गुर सीखें, किसी के भी साथ संघर्ष की स्थिति न आने दें।…