5 मासखमण 580 तेले एवं 100 अट्ठाई तप के साथ संपन्न हुई अष्ठ दिवसीय पर्युषण आराधना
जीवन में सुई बनो, कैंची नहीं-साध्वी संयमलता उदयपुर। सेक्टर 4 श्री संघ में विराजित श्रमण संघीय जैन दिवाकरिया महासाध्वी डॉ श्री संयमलताजी म. सा.,डॉ श्री अमितप्रज्ञाजी म. सा.,श्री कमलप्रज्ञाजी म. सा.,श्री सौरभप्रज्ञाजी म. सा. आदि ठाणा 4 के सानिध्य में धर्मसभा को संबोधित करते हुए महासती संयमलता ने कहा दूसरों की भूल को माफ करना सरल है, पर स्वयं की भूल निकालने वाले को माफ करना बहुत ही मुश्किल हैं। प्रेम सब पर रखो, विश्वास थोड़े पर रखिए, द्वेष किसी पर मत रखिए। साध्वी ने आगे कहा कि हमें सुई बनने का काम करना है, कैंची बननें का नहीं। यह…