Maharana_of_ Mewar

महाराणा भूपाल सिंह की 139 वीं जयंती पर किया नमन आजादी के पूर्व महाराणा भूपाल सिंह ने मेवाड़ में शिक्षा की अलख जगाई

महाराणा भूपाल सिंह की 139 वीं जयंती पर किया नमन आजादी के पूर्व महाराणा भूपाल सिंह ने मेवाड़ में शिक्षा की अलख जगाई

उदयपुर 16 फरवरी / मेवाड़ के महाराणा भूपाल सिंह जी की 139वीं जयंती पर जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विवि के कुलपति सचिवालय के सभागार  में गुरूवार को कुलपति कर्नल प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत, कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर, रजिस्ट्रार डॉ. हेमशंकर दाधीच, डॉ. हरीश शर्मा, डॉ. एसबी नागर, डॉ. आशीष नंदवाना ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हे नमन किया। इस अवसर वक्ताओं ने कहा कि आजादी के पूर्व महाराणा भूपाल सिंह ने मेवाड़ के शहरी एवं आदिवासी अंचल में शिक्षा की अलख जगाई। संस्थापक जनुभाई ने महाराणा की प्रेरणा से ही 1937 में विद्यापीठ की…
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महाराणा भूपाल सिंह जी की 139वीं जयंती के तहत आयोजित पांच दिवसीय समारोह के तीसरे दिन ‘‘ राजस्थान की कला और संस्कृति ’’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयेाजन पूरे विश्व में मेवाड़ की कला, संस्कृति की पहचान – प्रो. दशोरा

महाराणा भूपाल सिंह जी की 139वीं जयंती के तहत आयोजित पांच दिवसीय समारोह के तीसरे दिन ‘‘ राजस्थान की कला और संस्कृति ’’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयेाजन पूरे विश्व में मेवाड़ की कला, संस्कृति की पहचान – प्रो. दशोरा

उदयपुर 14 फरवरी / मेवाड़ के महाराणा भूपाल सिंह जी की 139वीं जयंती के तहत आयोजित पांच दिवसीय समारोह के तीसरे दिन मंगलवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के संघटक साहित्य संस्थान एवं लोकलन सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में प्रतापनगर स्थित आईटी सभागार में ‘‘ राजस्थान की कला और संस्कृति ’’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए पूर्व कुलपति प्रो. परमेन्द्र कुमार दशोरा ने कहा कि मेवाड़ के भाल का तिलक हल्दी घाटी है पूरे विश्व में उदयपुर की कला एवं संस्कृति की पहचान है। इस जमीन के गर्भ में…
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