उदयपुर। भारत के प्रसिद्ध धर्म प्रचारक रामलीला मंडल काशी के 25 कलाकारों द्वारा आज से सवीना मुख्य चौराहा पर 11 दिवसीय भव्य श्रीरामलीला महोत्सव के दूसरे दिन आज ताड़का मारीच सुबाहु वध का विशाल मंचन किया गया। रामलीला देखने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा।
रामलीला के आयोजक दिलीप जैन ने बताया कि रामलीला मंचन में राक्षसों द्वारा मुनियों के यज्ञ विध्वंस किया जाता है उन्हें बहुत ग्लानी होती है। तब ध्यान लगाकर देखते हैं कि भगवान राम का जन्म अयोध्या नरेश महाराज दशरथ के हुआ है तब वह अपनी यज्ञ की रक्षा के लिए भगवान राम लक्ष्मण को मांगने जाते हैं पुत्र मोह में पड़कर महाराज दशरथ ने मना कर देते हैं तब ऋषि विश्वामित्र क्रोधित होते हैं उनका क्रोध देख दशरथ जी डर जाते हैं तब वशिष्ठ आते हैं और समझते हैं तब उन्हें राम लक्ष्मण को सौंप दिया जाता है। विशाल राक्षसी का वध और हमारे स्वभाव का वध होता ह। इस दृश्य के मंचन वहंा उपसिथत सैकड़ों दर्शकों को आनन्दित कर दिया।
उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में काफी वर्षों बाद रामलीला हो रही है इस आयोजन को लेकर पूरे सबीना क्षेत्र सेक्टर 9 में चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि रामलीला का आयोजन बहुत कम होता है आज धीरे-धीरे ऐसी कला विलुप्त हो रही है और इस आयोजन के करने का उद्देश्य यही है कि बच्चों में संस्कार स्थापित हो और धर्म का प्रचार हो।
इस अवसर पर मैं उपस्थित सम्मानित कैलाश केवलिया, विकास गौड़, सुरेश सिंह यादव, मुकेश शर्मा, विजयलाल जैन, निखिल साहू, योगेश उपाध्याय, यशवर्धन सिंह राणावत, निर्माण समिति के
पूर्व अध्यक्ष पूर्व आशीष कोठारी और नगर के कई गणमान्य़ नागरिक मौजूद थे।
रामलीला में ताड़का-मारीच, सुबाहू वध का हुआ मंचन
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