उदयपुर। काश्ती फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक बहुप्रतीक्षित सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम गुरुवार को उदयपुर में संपन्न हुआ। श्रीमती श्रद्धा मुरडिया और नित्या सिंघल के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम ने हॉलैंड से आए प्रतिनिधियों और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, भालों का गुड़ा के छात्रों को एक अनूठे सांस्कृतिक अनुभव से जोड़ा।
विद्यालय परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देना और छात्रों को विविध वैश्विक दृष्टिकोणों से अवगत कराना था। हॉलैंड से आए प्रतिनिधियों ने छात्रों के साथ बातचीत की और उन्हें डच परंपराओं, कला और इतिहास के बारे में जानकारी दी। बदले में, भालों का गुड़ा स्कूल के छात्रों ने राजस्थानी लोक संगीत, नृत्य और पारंपरिक हस्तशिल्प के माध्यम से अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का परिचय कराया।
काश्ती फाउंडेशन की संस्थापक, श्रीमती श्रृद्धा मुरडिया ने इस पहल को लेकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “यह आदान-प्रदान न केवल सांस्कृतिक समझ को प्रोत्साहित करता है, बल्कि छात्रों को वैश्विक परिप्रेक्ष्य प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाता है और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करता है।”
कार्यक्रम की आयोजक नित्या सिंघल ने इस तरह के आयोजनों के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “आज की आपस में जुड़ी हुई दुनिया में युवाओं के लिए विभिन्न संस्कृतियों को समझना और उनका सम्मान करना बहुत आवश्यक है। हमारा उद्देश्य छात्रों के लिए एक ऐसा मंच तैयार करना है, जहां वे सीख सकें, साझा कर सकें और सीमाओं से परे बढ़ सकें।”
कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, संवादात्मक सत्र और खेल गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिसमें डच प्रतिनिधियों और भारतीय छात्रों ने शिक्षा, इतिहास, सतत विकास और सामुदायिक निर्माण जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया। कार्यक्रम का समापन एक सामूहिक कला परियोजना के साथ हुआ, जो दोनों संस्कृतियों के बीच बढ़ते संबंधों का प्रतीक बनी।
हॉलैंड के प्रतिनिधियों ने भारतीय छात्रों और शिक्षकों द्वारा दिए गए स्नेहपूर्ण स्वागत और अतिथि-सत्कार की सराहना की। एक प्रतिनिधि ने कहा, “यह देखकर दिल खुश हो गया कि यहां के छात्र कितने प्रतिभाशाली और उत्साही हैं। यह आदान-प्रदान कार्यक्रम हमारे लिए अविस्मरणीय रहेगा और भविष्य में और अधिक सहयोग के द्वार खोलेगा।”
विशेष सहयोगियों की भूमिका
विद्यालय में इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने अपनी विशिष्ट भूमिका निभाई:
•प्रेरणा मैडम के मार्गदर्शन में विद्यालय ने हॉलैंड से आए प्रतिनिधियों की मेजबानी की। उन्होंने सभी गतिविधियों की बारीकी से योजना बनाई और सुनिश्चित किया कि कार्यक्रम का प्रत्येक पहलू सुचारू रूप से संचालित हो।
•शुभमा मैडम ने भी आयोजन की रूपरेखा तैयार करने और समन्वय स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
•श्री राजत मेघनानी, जो रेडियो सिटी के प्रोग्राम डायरेक्टर और प्रसिद्ध कहानीकार हैं, ने अपने अनुवाद कौशल से भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और प्रतिभागियों के अनुभव को समृद्ध बनाया।
•श्री हेमंत जोशी, जो एक प्रसिद्ध मूर्तिकार और काश्ती फाउंडेशन के सदस्य हैं, ने अपनी कला के प्रति गहरी समझ और समर्पण से इस कार्यक्रम को प्रभावी बनाया।
•झाला सर, जो शारीरिक शिक्षा के अनुभवी प्रशिक्षक हैं, ने छात्रों और प्रतिनिधियों के लिए खेल गतिविधियों को रोचक और समावेशी बनाया, जिससे खेलों के माध्यम से दोस्ती और सहयोग को बढ़ावा मिला।
•राहुल माली द्वारा कला सत्रों के दौरान बनाए गए स्केच को टोट बैग्स पर प्रिंट कर डच प्रतिनिधियों को भेंट किया गया। इन अनूठे उपहारों को देखकर प्रतिनिधि बहुत खुश हुए, क्योंकि यह न केवल छात्रों की रचनात्मकता को दर्शाता है, बल्कि भारतीय संस्कृति और आत्मीयता की गहरी छाप भी छोड़ता है।
•लांसलॉट लोबो, जो श्रीमती श्रद्धा मुरडिया के प्रबंधक हैं, ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा और यह सुनिश्चित किया कि कार्यक्रम बिना किसी बाधा के संपन्न हो।
काश्ती फाउंडेशन का भविष्य दृष्टिकोण
काश्ती फाउंडेशन इस तरह के अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखेगा, खासकर ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों के छात्रों के लिए।
यह कार्यक्रम सांस्कृतिक विविधता की सुंदरता को समझने और वैश्विक मित्रता को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। इस आदान-प्रदान से भविष्य में और भी ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की प्रेरणा मिलेगी, जो विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समुदायों के बीच समझ, सहयोग और संबंधों को मजबूत करने में सहायक होंगे।