भीलवाड़ा में ढाबे पर खड़ा था, चालक—खलासी परिजनों से मिलने गए, पीछे से चोरों ने चुरा लिया
उदयपुर, संवाद सूत्र। दस दिन से पुलिस ताबें के तारों से भरे उस ट्रक की तलाश में जुटी थी, जिसमें तीन करोड़ रुपए से अधिक कीमत का तांबें से भर तार थे। शंका के आधार पर पुलिस ने जब संदिग्ध युवकों को पकड़ा। उन्होंने जो बताया, वह हैरानगरी भरा था। चोरों ने तीन करोड़ रुपए कीमत का तार जमीन में दस फीट गहरा खड्डा खोदकर छिपा दिया था। पुलिस ने जब उसे निकाला तो हैरान रह गई।
मिली जानकारी के अनुसार भीलवाड़ा जिले के मांडल थाना क्षेत्र के तांबे के तारों से भरा एक ट्रक खड़ा था। जिसे 29 नवम्बर को बडौदा की इडालको कंपनी से रवाना किया गया था। ट्रक को उसका चालक और खलासी मांडल में शाहपुरा रोड स्थित श्रीजी ढाबा पर खड़ा करने के बाद अपने परिजनों से मिलने गए थे। रात को लौटे तो देखा कि उनका माल से भरा ट्रक गायब था। जिस पर इडालगो कंपनी के मैनेजर सुरेंद्र कुमार ने मांडल थाने में 29 नवंबर को चोरी का मामला दर्ज कराया था। उसने पुलिस को बताया कि तांबे के तार फरीदाबाद ले जाने थे। पुलिस की जांच में ट्रक भीलवाड़ा जिले के करेड़ा थाना क्षेत्र के अर्जुनगढ़ गांव के एक सुनसान जगह से बरामद हो गया लेकिन तांबा नहीं मिला। जिस पर पुलिस जांच में जुटी हुई थी। चोरी गया तांबा लगभग 37 टन बताया जा रहा था। पुलिस ने इस मामले में गंगापुर—पोटला निवासी निर्मल कुमार (25) और रायपुर कोशीथल निवासी मुकेश तेली (38) को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने चोरी करना कबूल कर लिया। उन्होंने जो बताया उसे जानकर पुलिस चौंक उठी। उन्होंने बताया कि उन्होंने जेसीबी से पहले दस फीट से अधिक गहरा गड्ढा खोदा तथा बाद में उसमें तार डालकर छिपा दिया। जिसे वह बाद में निकालकर बेच देते लेकिन पुलिस को पहले ही उन पर शक हो गया। पुलिस ने जब चोरी गए तार को निकाला तो ग्रामीण मौके पर एकत्रित हो गए और जमीन से निकलते तार को देखकर चौंक गए। बताया गया कि यह तांबे का यह तार इलेक्ट्रोनिक्स आइटम बनाने में काम लिया जाता है।