उदयपुर 22 अक्टूबर/ उदयपुर, राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति नई दिल्ली के तत्वावधान में एकलव्य मॉडल रेजिडेंसियल स्कूल राजस्थान राज्य सोसायटी द्वारा राज्य के एकलव्य आवासीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को कला उत्सव के तहत त्रि दिवसीय सांस्कृतिक एवं साहित्यक प्रतियोगिता का शुभारम्भ बुधवार 23 अक्टूबर प्रातः 11 बजे मोहनलाल सुखाड़िया विश्व विद्यालय के विवेकानन्द सभागार में होगा।
एकलव्य मॉडल रेजिडेंसियल स्कूल सोसायटी राजस्थान की मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रज्ञा केवलरमानी ने बताया कि उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि माननीय सांसद डॉ. मन्नालाल रावत होंगे। अध्यक्षता उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा करेंगे और विशिष्ट अतिथि जिला प्रमुख श्रीमती ममता कंवर होगी।
उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय इस आयोजन में 605 छात्र व 374 छात्राएं कुल 979 विद्यार्थी एवं 105 शिक्षक कुल 1084 विद्यार्थी एवं शिक्षक भाग ले रहे हैं। कला उत्सव में समूह गान, समूह नृत्य, वाग्मिता, इंस्ट्रुमेंटल, पेंटिग, स्टोरी टेलिंग, थियेटर, आशु भाषण, वाद-विवाद, रचनात्मक लेखन, सस्वर पाठ, संस्कृत श्लोक, वोकल म्यूजिक, विजुअल आर्ट, ड्रामा, काव्य पाठ सहित कुल 26 इवेंट होंगे। वहीं शिक्षकों के लिए संगीत में वोकल (शास्त्रीय एवं अर्धशास्त्रीय), इन्स्ट्रमेंटल एवं लोकल संगीत प्रतियोगिताएं होगी।
एडीजे ने किया केंद्रीय कारागृह का निरीक्षण
उदयपुर 22 अक्टूबर/ माननीय सदस्य सचिव राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के तत्वाधान मे श्रीमान ज्ञान प्रकाश गुप्ता अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उदयपुर के निर्देशों के क्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव एडीजे कुलदीप शर्मा ने केंद्रीय कारागृह का औचक निरीक्षण किया गया। एडीजे शर्मा ने केंद्रीय कारागृह उदयपुर के निरीक्षण के दौरान बंदियों को निःशुल्क विधिक सहायता, अपील चिकित्सा, भोजन, नाश्ते, मुलाकात, एसटीडी सुविधा की जानकारी ली और बंदीजन की अपील व निःशुल्क विधिक सहायता के संबंध में विशेष निर्देश प्रदान किए। वक्त निरीक्षण केंद्रीय कारागृह अधीक्षक राजपाल सिंह उदयपुर उपस्थित रहे।
दीपावली की साफ सफाई में पशुओं का भी रखें ख्याल“
उदयपुर, 22 अक्टूबर/ प्रशिक्षण संस्थान के उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने बताया कि दीपावली के समय सभी लोग अपने घरों, दुकानों इत्यादि की साफ सफाई करतें है यह मान्यता हैं कि स्वच्छ स्थान पर ही लक्ष्मी जी का वास होता है। डॉ. छंगाणी ने कहा कि साफ सफाई करते समय पशुधन को भी दृष्टिगत रखे। प्रायः सफाई के समय में पुराने कांच की वस्तुएं टूटे हुए कांच के टूकडे, कील लगी हुए पुरानी लकड़ी की वस्तुए पुरानी बैट्री इत्यादि को घर से बाहर निकालकर फेंकते है, किन्तु इन सामग्री को उपयुक्त तरीके से नहीं फेंका जाये तो यह पशुओं के लिए घातक साबित होती है। डॉ. छंगाणी ने बताया कि चूहें बिल्लियां, कुत्ते यहां तक गायें भी कूड़ादान के यहां कुछ खाने की लालसा से कूड़े को बिखेरते है एवं कुछ खाद्य वस्तु ढूंढ़कर खाने का प्रयास करते है किंतु डस्टबिन में कूड़ेदान में अपने मुंह से कूड़े बिखेरते है तो यह घातक वस्तुओं से उनके मुंह पर चोट लग जाती हैं एवं वे लहूलुहान हो जाते है एवं उन्हें अत्यधिक पीड़ा पहुंचती है। डॉ. छंगाणी ने कहा कि अपने घरों की सफाई के साथ उपलब्ध कूड़े को सही तरीके से उपयुक्त माध्यम से उसका निस्तारण कर होने वाली पशुक्रूरता की रोकथाम में मददगार साबित होना चाहिए।