17 अप्रेल तक चलेगी मुहिम
उदयपुर, 9 अप्रेल। केन्द्र सरकार ने बजट 2025-26 में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ गिग श्रमिकों को देने की घोषणा की है। इसके बाद उदयपुर जिले में जिला कलक्टर के निर्देषन में गिग वर्कर्स के ई-श्रम पंजीयन के लिए विषेष अभियान प्रारंभ किया गया है।
संभागीय संयुक्त श्रम आयुक्त महेंद्रसिंह राठौड़ ने बताया कि अभियान में अमेजन, फ्लीपकार्ट, स्वीगी, जोमेटो, ई-कोम, जेप्टो, डेल्हीवेरी, मीषो एक्सप्रेस वे सहित अन्य प्लेटफार्म पर काम करने वाले गिग वर्कर्स को जोडा जाएगा। इनके कार्यस्थलों पर ही केंप लगाकर ई-श्रम कार्ड बनाए जाएंगे। सभी कर्मचारी अपने कार्यस्थल पर ही सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक अपना पंजीयन करवा सकते हैं। इसके लिए अनिवार्य दस्तावेज आधार कार्ड, पेन कार्ड तथा बैंक खाता साथ में होना आवष्यक है। राठौड़ ने बताया कि यह योजना सरकार की ओर से चयनित अन्य योजनाओं का लाभ देने के लिए है। इसमें किसी भी अन्य लाभ में कटौती नहीं की जाएगी। संयुक्त श्रम आयुक्त ने बताया कि 9 अप्रेल को शहर के विभिन्न स्थलों पर केम्प का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 65 गिग वर्कर्स के ई-श्रम पंजीयन किए गए। आगामी दिनों में भी विभिन्न स्थलों पर गिग वर्करों के पंजीयन किए जाएंगे। साथ ही गिग श्रमिक अपने स्वयं के स्तर पर भी ई-श्रम पोर्टल अथवा ई-मित्र/सी.एस.सी. पर जाकर अपना पंजीयन करा सकते हैं।
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श्रम विभाग ने लक्ष्य के मुकाबले 98.57 प्रतिषत वसूला उपकर
उदयपुर, 9 अप्रेल। श्रम विभाग ने उदयपुर में वित्तीय वर्ष 2024-25 में लक्ष्य के मुकाबले 98.57 प्रतिषत उपकर राषि वसूल की।
संभागीय संयुक्त श्रम आयुक्त श्री महेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 35.00 करोड रूप्ए के लक्ष्य के विरूद्ध 34.50 करोड रूपये की वसूली की जा चुकी है। श्रम विभाग ने ज्यादा से ज्यादा निर्माण स्थलों के मालिकों को नोटिस जारी किए है। उन्हें दस्तावेज और उपकर राषि जमा कराने हेतु सूचित किया गया है। यदि किसी ने यूडीए या नगर निगम मे नक्क्षा पास कराते समय अनुमानित उपकर राषि जमा करवाई है तो शेष राषि श्रम विभाग, उदयपुर में जमा कराई जा सकती है। षहरवासियों को इस नियम के प्रति जागरूक करने के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है।
उपकर भुगतान में देरी से बढता है ब्याज
संभागीय संयुक्त श्रम आयुक्त ने बताया कि जनसामान्य में भवन एवं अन्य संनिर्माण मंडल उपकर को लेकर जागरूकता की कमी के कारण कई निर्माणकर्ता समय पर उपकर राषि का भुगतान नहीं कर पाते हैं। इसके परिणामस्वरूप निर्माणकर्ताओं को 2 प्रतिषत मासिक ब्याज का अतिरिक्त भार उठाना पडता है जिससे उपकर वसूली में कठिनाई आती है। जिला अधिकारी ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए श्रम निरीक्षकों को निर्देष दिए हैं कि भवन एवं अन्य संनिर्माण उपकर के सम्बन्ध में नियमित प्रचार-प्रसार सुनिष्चित किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग समय पर उपकर जमा करा सकें और अनावष्यक ब्याज से बच सकें। जिला अधिकारी ने श्रम विभाग की कार्यप्रणाली की विस्तृत समीक्षा की और जिले में भ्रमण कर विभिन्न नवनिर्मित एवं निर्माणाधीन इकाईयों को चिन्हित किया। इसके बाद उन्होंने शाखा प्रभारी को यथाषीघ्र नोटिस/स्मरण नोटिस जारी करने के निर्देष दिए।
यह है भवन एवं अन्य संनिर्माण मंडल उपकर
भवन एवं अन्य संनिर्माण मंडल उपकर को आम भाषा में लेबर सेस भी कहा जाता है। यह उपकर निर्माण कार्यो से जुडे श्रमिकों के कल्याण के लिए वसूला जाता है इसे भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम, 1996 के तहत लागू किया गया था। यह उन सभी निर्माण परियोजनाओं पर लागू होता है, जिनकी लागत 10 लाख रूपये या उससे अधिक हो। उपकर की दर निर्माण लागत की 1 फीसदी निर्धारित की गई है। इस उपकर से प्राप्त राषि को राज्य सरकार द्वारा निर्माण श्रमिकों के कल्याणकारी कार्यो में उपयोग किया जाता है।