उदयपुर। नगर निगम प्रांगण में चल रहे सिल्क मेला अब अन्तिम दौर है। अब तक यहां पर हजारों लोगों ने विभिन्न उत्पादों की खरीदारी की है। जो जो सर्दी बड़ी मेले में खरीदारों की भीड़ भी अपने आप बढ़ती गई और उसका सीधा फायदा व्यापारियों को हुआ। मेले में व्यापारियों द्वारा सिल्क साड़ियांे सहित विभिन्न उत्पादों पर दी जा रही छूट के कारण महिलायें उमड़ रही है।
कई व्यापारियों ने बताया कि वह उदयपुर में कई बार आ चुके हैं लेकिन इस बार उनका व्यापार जिस तरह से चला उतना पहले कभी नहीं चला। अभी सिल्क मेले का अंतिम दौर है। शहर वासी यह मौका नहीं चूकना चाहते हैं इसलिए यहां पर इन दिनों खरीददारों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
सिल्क मेले में राधा रानी पोशाक भंडार उदयपुरवासियों में और मेले में आने वाले हर व्यक्ति के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं। इसका कारण यह है कि उनके पास लगभग 15 तरह के खुशबूदार इत्र है। लड्डू गोपाल और राधा रानी के लिए विभिन्न तरह की उचित दामों में पोशाक के भी उपलब्ध है।
पोशाक भंडार के संचालक सत्यम ने बताया कि उनके यहां पर लड्डू गोपाल की मूर्ति, महादेव की मूर्ति, शिवलिंग, रामलाल की मूर्ति जो कि फाइबर और काले मार्बल से बनी हुई है काफी बिक रही है और लोगों के आकर्षण का केंद्र बन रही है। इनके साथ ही विभिन्न प्रकार की लड्डू गोपाल एवं राधा रानी की पोशाकें, माला, मुकुट, बांसुरी, पगड़ी, आसान, झूला, सिंहासन, बिस्तर तथा भगवान के लिए श्रृंगार की सभी वस्तुएं उपलब्ध है। इसके साथ ही उत्तम जड़ी बूटी से निर्मित हवन सामग्री, गंगाजल, अगरबत्ती, कलवा, समरानी कप, अष्टगंध, चंदन, कपूर, धूप, लोबान, धूप स्टेट गूगल इत्यादि हवन पूजन सामग्री लोग खूब खरीद कर ले जा रहे है।
सत्यम का दावा है कि उनके पास ताना चंदन नाम का ऐसा शुद्ध चंदन है जो उदयपुर शहर क्या उदयपुर संभाग में कहीं भी उपलब्ध नहीं हो सकता। एकदम शुद्ध चंदन है इसमें किसी भी तरह की मिलावट नहीं है इस चंदन की जो खुशबू है वह भी प्राकृतिक है। यह चंदन सूखने के बाद और भी ज्यादा चमकदार हो जाता है और इसके खासियत यह है कि इसकी खुशबू दिनभर नहीं जाती है