भाषाओं का सिमटता संसार- चिंता का विषय : प्रो.मलय पानेरी

उदयपुर। माणिक्य लाल वर्मा श्रमजीवी महाविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा भारतीय भाषा दिवस पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. मलय पानेरी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए भारतीय भाषाओं के महत्व को प्रतिपादित करते हुए यह चिंता भी व्यक्त की कि हमारी बोलियां धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है जबकि भाषा के विकास में बोलियों का अत्यंत महत्व है। उन्होंने विभिन्न लोकगीतों व लोकनाट्यों का उदाहरण देते हुए विविध भाषाओं के साथ क्षेत्रीय भाषाओं के समन्वय की बात कही।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अकामिक निदेशक डॉ. हेमेंद्र चौधरी ने भाषा की संप्रेषण शक्ति के माध्यम से ज्ञान के महत्व को प्रतिपादित किया तथा भाषा के त्रिसूत्रीय रूप की चर्चा की। डॉ पंकज रावल ने ‘भाषा भावों की अभिव्यक्ति की एक सशक्त माध्यम है’, इस तथ्य को उजागर करते हुए मातृभाषा के महत्व को बताया। सहायक कुलसचिव डॉ धर्मेंद्र राजोरा ने भाषा के माध्यम से किस प्रकार भारत विश्व गुरु की संकल्पना को साकार कर पाएगा इस पर अपने विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन डॉ राजेश शर्मा ने दिया। तथा कार्यक्रम का संचालन डॉ. ममता पानेरी ने किया। इस अवसर पर डॉ शाहिद कुरेशी, डॉ कुसुम लता टेलर, डॉ आरती जैन, शोधार्थी देवनाथ व सुश्री चंद्रकांता सुवालका सहित कई विद्यार्थी उपस्थित रहे।

By Udaipurviews

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