एक राखी सैनिक के नाम अभियान का पहला पार्सल गलवान के प्रहरियों को भेजा
जनजाति महिलाओं ने तैयार किए है रक्षा सूत्र
उदयपुर, 9 अगस्त। देश की रक्षा के लिए समर्पित जवानों के प्रति प्रेम और अपनत्व की भावना प्रकट करने के लिए राजस्थान वनवासी कल्याण आश्रम से संबंधित नम्रता कौशल विकास केंद्र और नम्रता प्राथमिक महिला बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति की ओर से प्रति वर्ष की भांति एक राखी सैनिक के नाम अभियान का शुभारंभ किया गया। इसके तहत ब्रांड कमली ट्राइब्स की महिलाओं द्वारा तैयार 400 राखियों का पहला पार्सल गलवान की दुर्गम सीमाओं पर पहरा दे रहे जवानों के नाम रवाना किया।
उल्लेखनीय है कि कमली ट्राइब्स महिलाओं को उनकी रचनात्मकता को उजागर करके उन्हें सशक्त बनाने की सामाजिक पहल है। कमली ट्राइब्स का उद्देश्य सामाजिक आर्थिक स्थिति का उत्थान करना है। ब्रांड कमली ट्राइब्स अत्यधिक कुशल और प्रशिक्षित जनजाति का शिल्प महिलाओं द्वारा उत्पादित उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प के एक विशेष संग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। नम्रता कौशल विकास केन्द्र की अध्यक्ष व बप्पा रावल पत्रिका की प्रधान संपादक डॉ. राधिका लड्ढा और नम्रता कौशल विकास केंद्र संचालिका सरला मूंदड़ा ने आज केंद्र पर सहयोगियों के साथ जनजाति बहिनों द्वारा तैयार की गई राखियों के पार्सल तैयार किये।
अभियान के तहत राजस्थान वनवासी कल्याण आश्रम के सभी कार्यकर्ताओं ने 400 राखियों सहित अपने शुभ संदेश गलवान की सीमाओं पर पहरा दे रहे जवानों के लिये तैयार कर प्रेषित किए। इस दौरान कमली ट्राइब्स की बहनों ने प्रेषित पत्र में अपनी भावाभिव्यक्ति की। बहनों ने अन्य महिलाओं से भी इस पहल का हिस्सा बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि राखी के रेशमी धागों के माध्यम से हम हमारे देश की रक्षा में अहर्निश तैनात जवानों के प्रति अपने प्यार, कृतज्ञता और भावनात्मक बंधन का परिचय दे सकते हैं।
जनजाति महिलाओं के कल्याण का प्रयास है कमली ट्राइब्सः
नम्रता कौशल विकास केन्द्र की अध्यक्ष व बप्पा रावल पत्रिका की प्रधान संपादक डॉ. राधिका लड्ढा ने बताया कि 1952 में स्थापित हुए अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा देश के सभी राज्यों के 384 वनवासी जिलों, 1398 विकास खंडों व 17 हजार 394 गांवों में 22 हजार 152 प्रकल्पों के माध्यम से वनवासियों के उत्थान के कार्य किए जा रहे हैं। कमली ट्राइब्स भी जनजाति महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों का ब्रांड है । ब्रांड के माध्यम से जनजाति महिलाओं के हुनर को तराशने का कार्य भी किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि नम्रता कौशल विकास केंद्र शहर के सेक्टर 13 गवरी चौक स्थित वनवासी कल्याण परिषद के कल्याण आश्रम में संचालित है।
इस तरह बन सकते हैं हिस्साः
जनजाति महिलाओं द्वारा तैयार की जाने वाली राखियों को सैनिक भाइयों तक भिजवाने की मुहिम का हिस्सा हर व्यक्ति बन सकता है। कमली ट्राइब्स की सरला मूंदड़ा ने बताया कि एक राखी का मूल्य 100 रुपये है। कोई भी व्यक्ति वनवासी कल्याण आश्रम कार्यालय में स्थित संस्थान कार्यालय से संपर्क कर अथवा क्यूआर कोड स्कैन कर इसमें सहयोग दे सकता है।