उदयपुर: जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के विज्ञान संकाय द्वारा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर *”Touching lives While Touching Moon – India’s Space Saga”* विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य छात्रों और विद्वानों को अंतरिक्ष विज्ञान में हो रही नवीनतम प्रगति और चंद्रमा से जुड़ी खोजों के बारे में जागरूक करना था।
इस अवसर मुख्य वक्ता एस.डी एस.सी. की पूर्व वैज्ञानिक श्रीमती लक्ष्मी रमन ने चंद्रमा पर किए गए मिशन के महत्व को रेखांकित किया और बताया कि कैसे चंद्रमा पर खोजबीन न केवल वैज्ञानिक जगत को बल्कि आम जीवन को भी प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि कैसे शोध का प्रभाव स्वास्थ्य, संचार और पर्यावरण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में देखने को मिलता है।
इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रो कर्नल शिव सिंह सारंगदेवोत ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने अपनी स्थापना से ही नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं चंद्रयान मंगलयान और गगनयान जैसे मिशन ने विश्व को भारत की क्षमताओं से परिचय करवाया है। भारत की अंतरिक्ष गाथा सिर्फ तकनीकी प्रगति की कहानी नहीं बल्कि यह हमारे सामाजिक और आर्थिक विकास की भी कहानी है। इसरो के मिशन ने हमारे देश को विश्व में एक नई पहचान दिलाई है।
आज चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूने की इस यात्रा पर संपूर्ण देश को गर्व महसूस होता है यह यात्रा हमें याद दिलाती है कि हमारी प्रगति सिर्फ हमारी तकनीकी क्षमताओं पर नहीं बल्कि हमारे सामाजिक और आर्थिक विकास पर भी निर्भर करती है।
इस अवसर पर विज्ञान संकाय की निदेशक डॉ सपना श्रीमाली ने संगोष्ठी का परिचय कराते हुए कहा कि विज्ञान हमारे देश की आर्थिक नैतिक व विभिन्न विकास की महत्वपूर्ण स्रोत है। यह दिन अगली पीढ़ी के अन्वेषकों, वैज्ञानिकों और नवप्रवर्तनको के लिए ज्ञान की खोज जारी रखने के लिए एक आवाहन भी है। इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि पूर्व वैज्ञानिक ए. रमन भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर डॉ मंगल श्री दुलावत , डॉ भवेश जोशी , डॉ उत्तम प्रकाश शर्मा, डॉ दीप्ति सोनी, , डॉ पूजा जोशी, डॉ खुशबू जैन, लालिमा शर्मा, शक्तिका चौधरी सहित , विज्ञान संकाय के सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन सिद्धिमा शर्मा तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ योगिता श्रीमाली ने दिया।