-नगर निगम और स्मार्ट सिटी के बीच फुटबाल बने शहरवासी
उदयपुर। शहर के पिछोला झील किनारे स्थित नाव घाट एवं लाल घाट पर गिर रहे मल-मूत्र के नालों की जानकारी के बाद शुक्रवार को राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच झील किनारे प्रदूषित पानी के नमूने संकलित किए।
झील विकास प्राधिकरण के पूव्र सदस्य तेजशंकर पालीवाल ने बताया कि पिछोला झील में गिर रहे मल मूत्र के नालों के वीडियो और फोटो शुक्रवार को राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी शरद सक्सेना को भेजे गए। इस पर उन्होंने तत्काल अधीनस्थ अधिकारी आस्थ्ज्ञा शर्मा को मौके पर पहुंचने के निर्देश देते हुए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। आस्था शर्मा ने नाव घाट व लाल घाट पहुंचे वहां गिर रहे मल मूत्र के नालों को देखने के बाद पिछोला झील किनारे से प्रदूषित जल के नमूने बोटल में संकलित किए। नमूनों की जांच प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रसायन शाला में की जाएगी। पालीवाल ने बताया कि पिछोला झील को मलमूत्र से मुक्त करने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों रुपए बर्बाद कर दिए लेकिन अब भी नाव घाट और लालघाट पर मलमूत्र के नाले झील में गिर रहे हैं। जबकि मलमूत्र झील में गिरने से रोकने के लिए यहां पम्पहाउस भी बनाया गया था। शहर की करीब डेढ़ लाख आबादी की प्यास बुझाने के लिए झील से जलापूर्ति की जाती है जिसकी शुद्धता रखना आवश्यक है लेकिन स्मार्ट सिटी के जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी ध्यान नहीं देते। जिम्मेदार नगर निगम मामला स्मार्ट सिटी का बताते हैं तो स्मार्ट सिटी वाले निगम का बताते हैं। इनके बीच फुटबाल बनी जनता गंदा प्रदूषित पानी पीने को मजबूर है।
नावघाट, लालघाट से पिछोला में गिरे मलमूत्र से प्रदूषित पानी के लिए नमूने
