उदयपुर। सेक्टर 4 श्री संघ में विराजित श्रमण संघीय जैन दिवाकरिया महासाध्वी डॉ श्री संयमलताजी म. सा.,डॉ श्री अमितप्रज्ञाजी म. सा.,श्री कमलप्रज्ञाजी म. सा.,श्री सौरभप्रज्ञाजी म. सा. आदि ठाणा 4 के सानिध्य में पर्वाधिराज पर्व पर्युषण के चतुर्थ दिन युवा शक्ति जागो विषय पर विशेष प्रवचन हुआ।
धर्म सभा को संबोधित करते हुए महासती संयमलता ने कहा कि व्यसन और वासना के दलदल से निकलकर जीवन में वास्तविकता का रंग उत्पन्न करें क्योंकि युवक राष्ट्र का मेरुदंड है, वह शक्ति का प्रतीक है। घर, समाज व देश की सभ्यता और संस्कृति की रक्षा का भार युवाओं को ही उठाना होगा। आज का युवक ही नए समाज का निर्माता है। परंतु आज की युवा पीढ़ी भटक चुकी है। होटल और बोतल में फसकर अपने कर्तव्य निर्वाह को भूल चुका है।
साध्वी ने आगे कहा कि नशा जीवन की दशा ही नहीं बदलता बल्कि दुर्दशा कर दिया करता है। सिगरेट आयु कम करती है और बीड़ी मौत की सीढ़ी बनाती है। व्यसन और फैशन ने युवा पीढ़ी को अपने शिकंजे में कस लिया है। आंखों पर चश्मा, सौंदर्य प्रसाधन, देर रात तक मोबाइल, इंटरनेट,टीवी पर अश्लील दृश्य देखना, सवेरे सूर्याेदय के बाद तक बिस्तरों पर पड़े रहना, दिनचर्या का अव्यवस्थित होना और अभक्ष्य पदार्थों का सेवन करना यह एक तस्वीर है आज के युवक की। हमारी संस्कृति द्राक्ष कि नहीं रुद्राक्ष की संस्कृति है। आज भारत में जिनालय, शिवालय से कहीं अधिक मदिरालय नजर आते हैं। मयखाना से भयखाना वरना मयखाना मरणखाना बन जाएगा। शराब खराब है।
मंगलाचरण पश्चात साध्वी सौरभप्रज्ञा ने अंतगढ़ सूत्र के माध्यम से दस राजकुमारों का वृतांत सुनाया। भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव पर राजा सिद्धार्थ रानी त्रिशला एवं 14 स्वपनो की अति ही सुन्दर नाटिका का मंचन हुआ।साध्वी अमितप्रज्ञा ने सुंदर गीतिका प्रस्तुत की। पर्युषण महापर्व के चतुर्थ दिन 54 भाई बहनों ने 4 उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किए। मध्यान्ह में साध्वी अमितप्रज्ञा ने कल्पसूत्र का वाचन किया। उसके पश्चात धार्मिक अंताक्षरी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।
व्यसन और वासना के दलदल से निकलकर जीवन में वास्तविकता का रंग उत्पन्न करें -साध्वी संयमलता
