माटी से मूरत गढ़े, सद्गुरु फूंके प्राण। कर अपूर्ण को पूर्ण गुरु, भव से देता त्राण

एसे ही हमारे परम आदरणीय श्रद्धेय श्री श्री नारायण जी गुरुदेव के आज गौ लोकवास गमन हो जाने का बहुत गम है।
हर शिष्य की आंखें नम है।
जीवन हंसकर जीना सीखा जो गए।हमारे लिए आपको भूल पाना असहज है।
गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नम:।।
आदरणीय गुरुदेव को हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं ईश्वर गुरु देव की आत्मा को शान्ति व मोक्ष प्रदान करे एवं अपने श्री चरणो में स्थान दे।

ओम शान्ति , शत शत नमन

By Udaipurviews

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